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बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग को सौंपा ज्ञापन, प्रधानाध्यापकों की स्थायी नियुक्ति तक की नियोजित शिक्षकों को यथा-स्थान बरकरार रखने की मांग

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग को सौंपा ज्ञापन, प्रधानाध्यापकों की स्थायी नियुक्ति तक की नियोजित शिक्षकों को यथा-स्थान बरकरार रखने की मांग

PATNA : बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापकों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। इन पदों पर नियुक्ति के लिए स्थानीय निकाय के शिक्षकों के लिए 10 वर्षों के अनुभव की अनिवार्यता है। लेकिन इनके शैक्षणिक एवं प्रशासनिक अनुभव के बावजूद अनुभवहीन नव-नियुक्त शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जा रहा है। इस बावत बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने माध्यमिक शिक्षा के निदेशक से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा।

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने प्रेस बयान में बताया कि शिक्षा विभाग की अधिसूचना संख्या 1500 दिनांक 22 जुलाई, 2019 को अवक्रमित कर दिया गया है। निर्धारित वरीयता एवं अधिसूचना की कंडिका-08 में दर्ज परीवीक्षा की दो वर्षों की शर्तों के बावजूद निदेशक के पत्रांक 2226 दिनांक 04 सितंबर, 2024 के कार्यकारी आदेश से पूरे राज्य के शिक्षकों में अफरा-तफरी मच गई है। इससे शैक्षणिक तथा प्रशासनिक माहौल तनावपूर्ण हो जाने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मार्ग में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न हो गई है। राज्य के शिक्षक तनावमुक्त होकर अध्ययन-अध्यापन के कार्य निष्ठापूर्वक करते रहें, इसके लिए जरूरी है कि स्थानीय निकाय के 10 से 18 वर्षों तक के कार्यरत अनुभवी प्रभारी प्रधानाध्यापकों को स्थायी नियुक्ति तक यथा-स्थान बरकरार रखने से संबंधित अधिसूचना यथाशीघ्र जारी की जाय।

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि इधर कुछ दिनों से विद्यालयों में लागू अवकाश तालिका की शिक्षा विभाग एवं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा अनदेखी किये जाने के कारण कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो गयी हैं। पर्व-त्योहार एवं यहाँ तक कि राजपत्रित अवकाश में भी परीक्षा एवं प्रशिक्षण का कार्यक्रम निर्धारित कर देने से कई प्रकार की सामाजिक, धार्मिक एवं मानसिक तनाव उत्पन्न हो जाते हैं। इसलिए निदेशक के द्वारा निर्धारित पूर्व अवकाश तालिका में किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाय और उन्होंने 2025 की अवकाश तालिका तैयार करने के लिए निदेशक को एक अवकाश तालिका भी दी ताकि निर्देश जारी करने में सुलभता हो।

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बताया कि निदेशक को यह अवगत कराया है कि माध्यमिक शिक्षा के द्वारा ही अवकाश तालिका के निर्धारण के क्रम में त्रैमासिक सावधिक, वार्षिक परीक्षाओं की तिथियाँ  निर्धारित करने की परंपरा रही है। इसका भी निर्वहन नहीं किये जाने के फलस्वरूप अध्ययन-अध्यापन एवं अनुशासन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए पूर्व की भांति विद्यालयों को ही आंतरिक परीक्षा संचालन का अधिकार दिया जाय। शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बताया कि प्रत्येक सेवा में प्रोन्नति सेवाकर्मियों के उन्नत अभिक्रम के लिए अनिवार्य सेवा शर्त निर्धारित होती है। स्थानीय निकाय के शिक्षकों को भी प्रोन्नति देने का प्रावधान नियोजन नियमावली में उपबंधित है। लेकिन इसका विभाग ने अनुपालन नहीं किया है। इसलिए राज्य की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को दृष्टि में रखते हुए यथाशीघ्र स्थानीय निकाय के शिक्षकों की प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जाय।

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