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जल जीवन हरियाली के लिए गरीबों के आशियाने पर चलाया बुलडोजर, अधिकारियों के सामने सभी फरियाद बेअसर

जल जीवन हरियाली के लिए गरीबों के आशियाने पर चलाया बुलडोजर, अधिकारियों के सामने सभी फरियाद बेअसर

NAUGACHHIYA :- नवगछिया के तेतरी पंचायत भवन से उत्तर जल जीवन हरियाली योजना की सरकारी अतिक्रमित जमीन को अंचलाधिकारी विश्वास आनंद के नेतृत्व में अतिक्रमण मुक्त कराया गया. इस क्रम में पुलिस की मौजूदगी में जेसीबी मशीन से जमीन को अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराया गया. मौके पर नवगछिया के थनाध्यक्ष भरत भूषण भी दल बल के साथ मौजूद थे।

छलक पड़े सभी के आंसू

घर टूटते देख कई महिलाएं रोने लगी. इस जमीन पर पक्का मकान भी था, जिसे आंशिक रूप से क्षति किया गया. तीन गृह स्वामियों ने पुत्री के विवाह का हवाला देते हुए घर खाली करने के लिये कुछ दिन मोहलत की मांग की. जिस पर पदाधिकारियों ने जल्द से जल्द घर का सामान निकाल कर जगह खाली करने को कहा. गृहस्वामी ने कहा कि फरवरी माह में पुत्री की शादी है, वे जल्द ही घर खाली कर देंगे। लेकिन इसका कोई असर प्रशासन के अधिकारियों पर नहीं पड़ा।

 करना पड़ा विरोध का सामना लेकिन प्रशानिक सख्ती के आगे किसी की एक न चली

अतिक्रमण हटाने गए पदाधिकारियों को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा लेकिन सख्ती के आगे किसी की एक न चली. मालूम हो कि उक्त मोहल्ला सरकारी जमीन पर जरूर था लेकिन वहां पर बसावट वर्षों से थी. यहां तक की इस मोहल्ले में पीसीसी सड़क निर्माण और पंचयाती राज योजना से नाले का भी निर्माण किया गया है. बेघर होने वाले लोग बस यही कह रहे थे, सरकार हटा तो रही है लेकिन वे लोग जाएंगे कहा. फुद्दी मनसूरी, मो कलीम, मो पहमूद, मो कुदीश, मो नसीम, अखलेश चौधरी, शोभाकांत पोद्दार, कारु पोद्दार, प्रह्लाद पोद्दार, केशो मंडल ने कहा कि उनलोगों के पास बसोबास के लायक दूसरी जमीन नहीं है. वे लोग इस भीषण ठंड में कहा जाएंगे, कुछ समझ नहीं आ रहा है. कई महिलाएं पुलिस की कार्रवाई के दौरान लगातार रोये जा रही थी. मौके पर पक्ष और विपक्ष दोनों पक्षों के ग्रामीण मौजूद थे.

हाईकोर्ट के आदेश का कर रहे थे पालन

अंचलाधिकारी  विश्वास आनंद ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय का निर्देश है कि जो भी जल संचय का स्रोत है उसे हर हालत अतिक्रमण मुक्त कराया जाय. न्यायालय के आदेश के आलोक में पहले जमीन की नापी की गयी थी। फिर कई बार जमीन को खाली करने के लिये नोटिस किया गया लेकिन सभी जमीन पर जमे ही रहे. अंततः उनलोगों को अतिक्रमण हटाने का निर्णय लेना पड़ा।

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