PATNA : बिहार में जातीय सर्वेक्षण के मामलें में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 28 अगस्त,2023 को की जाएगी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ इस मामलें में दायर याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। आज कोर्ट में जातीय सर्वेक्षण मामले पर सुनवाई के दौरान सोलिसिटर जनरल उपस्थित हुए। उन्होंने कोर्ट से हलफ़नामा दायर करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत मांगी। कोर्ट ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए इस मामले की सुनवाई की तिथि 28 अगस्त,2023 निर्धारित की।
इससे पूर्व पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जातीय सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर लम्बी सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था। 1 अगस्त,2023 को पटना हाईकोर्ट ने इस मामलें पर फैसला राज्य सरकार के पक्ष में सुनते हुए राज्य सरकार को जातीय सर्वेक्षण जारी रखने की अनुमति दे दी। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने ये फैसला सुनाया था।
इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिकाएं दायर की गयी। राज्य सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर कोर्ट से अनुरोध किया कि राज्य सरकार का पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाये। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से दलील दी गयी कि जातीय सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है।राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि डाटा को ऑनलाइन फीड करने की प्रक्रिया भी जल्दी शुरु की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आज राज्य सरकार का पक्ष को सुना। इसी बीच सॉलिसीटर जनरल ने कोर्ट से इस मामलें पर जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 28 अगस्त,2023 को की जाएगी।