चूहे-बिल्ली का खेल! कई आरोपों में घिरे भवन निर्माण के 'कार्यपालक अभियंता' ने 2023 में 1 दिन में ही करोड़ों की खरीदी थी संपत्ति , खुलासे के बाद अब विवरणी देना ही बंद किया, इस बार बताया- Separated entity

चूहे-बिल्ली का खेल! कई आरोपों में घिरे भवन निर्माण के 'कार्य

PATNA: भवन निर्माण विभाग में एक से बढ़कर एक कार्यपालक अभियंता हैं. कई कार्यपालक अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई भी हुई है, निगरानी ने भी कई धनकुबेर इंजीनियरों के ठिकानों पर रेड डाला है. हालांकि विभाग में ऊंची पहुंच की वजह से कई कार्यपालक अभियंता तमाम गंभीर आरोपों के बाद भी बचने में कामयाब हो जाते हैं. राजधानी में पदस्थापित भवन निर्माण विभाग के एक ऐसे कार्यपालक अभियंता हैं, जिन पर कई तरह के आरोप हैं. मीडिया में खबर आने के बाद आरोपी कार्यपालक अभियंता लंबी छुट्टी पर भी चले गए. वापस भी आ गए लेकिन आरोपों की फाईल विभाग में धूल फांक रही हैं. जांच के आदेश भी हुए हैं, जांच का दिखावा भी किया गया है, लेकिन रिजल्ट का कुछ अता-पता नहीं. खबर है कि तमाम आरोपों को दरकिनार कर अब इन्हें ऊंची कुर्सी देने की फाईल भी दौड़ाई जा रही है.  इस कार्यपालक अभियंता के बारे में और भी जान लें. 

..तो चूहे-बिल्ली का चल रहा खेल ? 

पिछले साल न्यूज4नेशन ने खुलासा किया था कि राजधानी में 2023 में पदस्थापित रहने के दौरान BCD के उक्त कार्यपालक अभियंता ने एक दिन में सरकारी रेट के अनुसार, करोड़ों की संपत्ति खरीदी है. खुलासे के बाद यह खबर काफी सुर्खियां बटोरी. चर्चा चल पड़ी कि उक्त कार्यपालक अभियंता ने जमकर माल बटोरा, तभी तो पत्नी के नाम पर एक दिन में ही सरकारी रेट से करोड़ से अधिक की संपत्ति खरीदी..वैसे यह तो सिर्फ सरकारी रेट है, बाजार मूल्य तो काफी अधिक होगा. वैसे, वैध रूप से संपत्ति खरीदना कोई गुनाह नहीं. हालांकि, खबर के बाद कार्यपालक अभियंता के संपत्ति अर्जन की गोपनीयता भंग हो गई थी. लिहाजा बचने के लिए एक तरकीब निकाली. इस बार(2023-24) में सरकार को जो संपत्ति का ब्योरा दिया है, उसमें पत्नी के नाम पर 2023 में अर्जित संपत्ति के अलावे किसी दूसरी संपत्ति का भी उल्लेख नहीं किया है. सिर्फ यह बताया कि हमारी पत्नी सेल्फ आईटी रिटर्न दाखिल करती है. लेकिन न तो पैन नंबर का उल्लेख किया गया और न अन्य जानकारी. हालांकि पति-पत्नी के नाम पर जो लोन लिया गया है, उसका उल्लेख किया गया है. 

पिछले वित्तीय वर्ष में पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति का किया था उल्लेख   

अब जरा पिछले वित्तीय वर्ष के बारे में जान लें. भवन निर्माण विभाग के इस कार्यपालक अभियंता ने सरकार को जो संपत्ति का ब्योरा दिया,उसमें पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति की जानकारी साझा की थी. वर्ष 2022-23 में भवन प्रमंडल के इस कार्यपालक अभियंता ने पत्नी #### कुमारी के नाम पर हटिया से लेकर हदसपुरा,दानापुर वाली संपत्ति का उल्लेख किया था. पत्नी के नाम का पैन नंबर भी सार्वजनिक किया गया था. 2023-24 में इन्होंने अपनी पत्नी के बारे में संपत्ति के ब्योरा में सरकार को बताया है कि पत्नी #### कुमारी स्वयं आईटी रिटर्न फाईल करती है. लिहाजा पत्नी के नाम पर अर्जित किसी संपत्ति का उल्लेख नहीं किया. सिर्फ लोन जो पति-पत्नी के नाम पर है उसी का उल्लेख किया है. 

दरअसल, इस बार पत्नी के नाम पर संपत्ति का उल्लेख नहीं करने के पीछे की एक वजह है. न्यूज4नेशन ने 2023 में ही खुलासा किया था कि कार्यपालक अभियंता ने जून 2023 में पटना से सटे नौबतपुर इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे करोड़ों रू की लागत से लगभग 25 डिसमिल जमीन की खरीद की है. इस जमीन की सरकारी मूल्य 1 करोड़ रू से अधिक है. कार्यपालक अभियंता ने पत्नी के नाम पर जून 2023 में जो व्यवसायिक जमीन की खरीद की उसके कागजात पर यह राशि अंकित की गई है. खबर के बाद इंजीनियर साहब काफी परेशानी में पड़ गए थे. लिहाजा इस बार पत्नी के नाम की किसी संपत्ति का विवरणी में उल्लेख ही नहीं किया. आखिर पिछले साल तक पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति का उल्लेख करते रहे, इस बार क्यों नहीं. इस पर विभाग के अंदर ही तरह-तरह की चर्चा चल पड़ी है. बता दें, भवन निर्माण विभाग के ये कार्यपालक अभियंता राजधानी में महत्वपूर्ण प्रमंडल में तैनात हैं. माननीयों के बंगले को सजाने-संवारने का महत्वपूर्ण जिम्मा है. प्रमंडल का नाम भी ऐतिहासिक है.  

विवाद बढ़ता देख लंबी छुट्टी पर चले गए थे E.E

बता दें, भवन निर्माण विभाग के पटना में तैनात इस कार्यपालक अभियंता का विवादों का गहरा नाता रहा है. वर्तमान कार्यकाल में उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे. विभाग के स्तर से जांच भी बिठाई गई. जांच की गाड़ी आगे बढ़ी भी, इसके बाद फिर से रूक गई. जांच अधिकारी जो उनसे एक कुर्सी ऊपर हैं, वे भी कुछ नहीं कर पा रहे. एक और जांच में उक्त कार्यपालक अभियंता के खिलाफ आरोप प्रमाणित पाये गए थे. जांच अधिकारी के स्तर से रिपोर्ट भी भेजी गई, लेकिन विभाग के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई. दूसरे ठेकेदार के आरोप में भवन निर्माण विभाग ने 2023 में ही जांच के आदेश दिए. दिखावे के लिए जांच की फाईल खोली भी गई. लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं. विवाद बढ़ता देख कार्यपालक अभियंता लंबी छुट्टी पर चले गए थे. शायद वे इस सोच के साथ छुट्टी पर गए या फिर भेजे गए कि समय के साथ सबकुछ सेट हो जायेगा. आरोपों की फाइल डंप कर दी जायेगी. लगभग 5-6 महीने की छुट्टी के बाद अप्रैल 2024 में आरोपी कार्यपालक अभियंता वापस ड्यूटी पर आ गए. इस दौरान जांच अधिकारी उक्त कार्यपालक अभियंता के खिलाफ जांच का दिखावा करते रहे. पीड़ित ठेकेदार न्याय पाने को लेकर हाकिमों के दरवाजे पर दस्तक देते रहा. लेकिन सुनने वाला कौन था ?