N4N DESK : संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा केंद्र सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी केंद्रीय बजट पेश किया जायेगा। इस बजट सत्र में सरकार केंद्रीय कर्मियों और पेंशनर्स को बड़ा सौगात दे सकती है। माना जा रहा है की इस बजट सत्र में सरकार आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे सकती है। वजह यह है की लोकसभा चुनाव को लेकर सरकार युवाओं और किसानों के साथ केन्द्रीय कर्मियों और पेंशनर्स को तोहफा दे सकती है। जिसका फायदा 1.18 करोड़ लोगों को मिलेगा।
बता दें की केंद्र सरकार के नियम के अनुसार, हर दस वर्षों में वेतन आयोग का गठन किया जा सकता है। आयोग को गठन के 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें जमा करनी होती है। रिपोर्ट में वेतन आयोग, केंद्रीय कर्मचारियों, ऑल इंडिया सर्विसेज, केंद्र शाषित प्रदेश, इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स डिपार्टमेंट से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी कर्मचारी और डिफेंस फोर्सेज से जुड़े कर्मचारियों के वेतन, भत्तों, रैंक स्ट्रक्चर और पेंशन पर सिफारिशें रखी जाती हैं।
इससे पहले 28 फरवरी 2014 को जस्टिस अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में 7 वें वेतन आयोग का गठन किया गया था। इसके बाद आयोग ने 2015 नवंबर को अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी थी। केंद्र सरकार के द्वारा 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 2016 से लागू कर दिया गया था।
इस तरह एक बार आयोग के गठन का समय हो गया है। इससे कयास लगाये जा रहे हैं की सरकार आयोग का गठन कर सकती है। लोकसभा चुनाव को लेकर सरकार केन्द्रीय कर्मियों के नाराजगी भी मोल नहीं लेना चाहेगी। इससे संभावना जताई जा रही है की आयोग का गठन हो सकता है। हालांकि इससे पहले कई बार संसद में पूछे सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने साफ कहा है कि उसका आठवें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं है। लेकिन इस बजट सत्र के दौरान ही पता चलेगा की केंद्र सरकार कर्मियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए क्या कदम उठाती है।