सुनिए राधा मोहन सिंह के भतीजे का धमकी वाला ऑडियो
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MOTIHARI: केंद्रीय कृषि
मंत्री राधामोहन सिंह के भतीजे सोनू सिंह ने सत्ता के नशे में चूर होकर गुंडागर्दी
का नंगा खेल खेला. पूर्वी चंपारण के मेधुआ पंचायत समिति के सदस्य सोनू सिंह ने
जीविकाकर्मी का अपहरण कर उसके मर्डर की कोशिश की. मंत्री के भतीजे पर सत्ता की सनक
इस कदर सवार थी कि वो पुलिस के सामने ही एक फोन पर बिहार सरकार को गिरा देने की
खुलेआम धमकी देता रहा. पुलिस ने अपहृत जीविकाकर्मी को तो छुड़ाया लेकिन मंत्री के
लाड़ले भतीजे के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पायी.
अवैध भुगतान नहीं करने पर मंत्री के भतीजे की गुंडागर्दी
मामला शौचालय निर्माण के लिए सरकार से मिलने वाली राशि का है. सरकार अपनी एजेंसी जीविका के जरिए लोगों को शौचालय बनाने के लिए पैसे दे रही है. पूर्वी चंपारण के तेतरिया प्रखंड के मधुआ पंचायत समिति के सदस्य सोनू सिंह ने जीविका के कर्मचारियों पर शौचालय का आधा अधूरा निर्माण करने वाले 250 लोगों को पैसा देने का निर्देश दिया था. जीविका के कर्मचारियों ने शौचालय का पूरा निर्माण कराये बगैर पैसे का भुगतान करने से मना कर दिया था. इसके बाद सत्ता के नशे में चूर मंत्री के भतीजे ने इस घटना को अंजाम दिया.
गुंडागर्दी का पूरा किस्सा
जीविका के सामुदायिक समन्वयक प्रेम किशोर ने थाने में FIR दर्ज करायी है, जिसमें मंत्री के भतीजे के दुस्साहस को बयान किया गया है. प्रेम किशोर के मुताबिक सोनू सिंह काफी दिनों से ये दबाव बना रहा था कि शौचालय का आधा-अधूरा निर्माण करने वाले उसके समर्थकों को पैसे का भुगतान कर दिया जाये. जीविका के कर्मचारियों ने उसका हुक्म मानने से इंकार किया तो सोनू सिंह 2 जुलाई को अपने समर्थकों के साथ जीविका कार्यालय में पहुंच गया. उसने कहा कि या तो जीविका के लोग उसके आदमियों का पैसा भुगतान करें या फिर कार्यालय बंद करके चले जायें. कुछ देर बाद जब जीविका के समन्वयक प्रेम किशोर ऑफिस से अपने घर जा रहे थे तो रास्ते से ही उनका अपहरण कर लिया गया. FIR के मुताबिक अपहरण कर सोनू सिंह ने उनके साथ जमकर मारपीट की. सोनू सिंह बार बार हत्या कर देने की धमकी भी दे रहा था.
FIR के मुताबिक अपहरण
के बाद सोनू सिंह ने जीविका के अधिकारियों को फोन कर कहा कि आधे घंटे में उसके
पैसे का भुगतान नहीं हुआ तो वो अपहृत की हत्या कर देगा. जीविका के अधिकारी फोन पर
ही मंत्री के भतीजे से अपने कर्मचारी को छोड़ देने की गुहार लगाते रहे लेकिन सोनू
सिंह ने कुछ नहीं सुना. आखिरकार जीविका के अधिकारियों ने पुलिस से संपर्क साधा.
रात के नौ बजे जीविका के अधिकारियों के साथ पुलिस सोनू सिंह के ठिकाने पर पहुंची
और तब अपहृत कर्मचारी को मुक्त कराया गया. FIR में साफ साफ लिखा है कि पुलिस के सामने ही मंत्री का भतीजा
ये कहता रहा कि उसके एक फोन पर सरकार गिर जायेगी. DM और SP उसका कुछ नहीं
बिगाड़ सकते. लेकिन पुलिस कार्रवाई के बजाय उसे मनाने की कोशिश करती रही. मंत्री
के भतीजे का रौब ऐसा था कि पुलिस के हाथ बंध गये.
पुलिस मामले को
रफा दफा करने में जुटी
घटना के तीन दिन बीत चुके हैं. लेकिन पुलिस ने कोई
कार्रवाई नहीं की. राजपुेर पुलिस ने बताया कि अभी मामले की जांच की जा रही है.
थानेदार के मुताबिक दोनों पक्षों में समझौता कराने की कोशिश की जा रही है. हालांकि
मामले की FIR दर्ज की गयी है जिसमें मंत्री के भतीजे सोनू सिंह
समेत चार नामजद और 15 अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. लेकिन अपहरण
और हत्या की कोशिश के मामले में पुलिस अगर समझौते की कोशिश करे तो उसका इरादा समझा जा सकता है.