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कार्डिकोन 2023 का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन, वार्षिक अधिवेशन में शामिल हुए कार्डियोलॉजिस्ट एवं कार्डियक सर्जन

कार्डिकोन 2023 का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन, वार्षिक अधिवेशन में शामिल हुए कार्डियोलॉजिस्ट एवं कार्डियक सर्जन

पटना. कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया बिहार चैप्टर के 29 में वार्षिक अधिवेशन कार्डिकोन 2023 का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इसमें कार्डियोलॉजिस्ट एवं कार्डियक सर्जन शामिल हुए. दिन भर चले सत्र में हृदय रोगों से संबंधित कई विषयों पर विचार विमर्श हुआ और जटिल समस्याओं के निदान पर चर्चा हुई कॉन्फ्रेंस में बिहार झारखंड के करीब 400 कार्डियोलॉजिस्ट एवं चिकित्सक शामिल हुए. 

दीप प्रज्वलन उद्घाटन के समय विशिष्ट अतिथि के रूप में संजय कुमार, सचिव, स्वास्थ्य विभाग CSI के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुंबई के विजय बंग, इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के निदेशक डॉ सुनील कुमार, आयोजन समिति के अध्यक्ष इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉक्टर के के बरूण CSI बिहार चैप्टर के अध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार सर्राफ, एम्स पटना के कार्डियक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ संजीव कुमार, आयोजन समिति के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ अनूप सिंह और CSI बिहार चैप्टर के सचिव डॉक्टर युवान सिंह इत्यादि उपस्थित थे । 

सीएम नीतीश ने कॉन्फ्रेंस के लिए शुभकामनाएं दी एवं कहा कि आज जो इतने विशेषज्ञ जुटे हैं उम्मीद है कि अपने विचार विमर्श से कुछ निष्कर्ष निकलेंगे की बढ़ते हृदय रोग पर काबू पाया जा सके एवं हृदय रोग की इलाज की सुविधा जन-जन तक पहुंचाई जा सके ।  बिहार सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक हृदय रोग की आधुनिक सुविधा पहुंचाने के लिए तत्पर है और हर कदम उठा रही है । अधिवेशन में स्वागत भाषण आईजीआईसी के निदेशक डॉक्टर सुनील कुमार ने किया और इस अवसर पर CSI के तरफ से एक स्मारिका प्रकाशित की गई । इसके संपादक कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अजय सिंह थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस स्मारिका का विमोचन किया।  मौके पर CSI के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विजय बंग ने कहा की बिहार आकर उन्हें बहुत अच्छा लगा और बिहार में कार्डियोलॉजी के आधुनिक ट्रीटमेंट को उपलब्ध कराने में CSI हमेशा तत्पर है और जो भी सहायता की जरूरत होगी वह हमेशा तैयार है.

इसके पहले दिन भर के वैज्ञानिक सत्र में कई विशेषज्ञ ने अपनी राय रखी बिहार के कार्डियोलॉजी के पितामह डॉक्टर एके ठाकुर की स्मृति में डॉक्टर एके ठाकुर मेमोरियल ओरेशन भी डॉक्टर विजय हरिकिशन ने दिया। इसमें उन्होंने कोरोनरी आर्टरी डिजीज से बचाव के उपाय बताएं और बताया कि कई नई दवाएं जो की स्टार्टिंग से भी अच्छा काम करती है उपलब्ध है और खून में वसा की मात्रा कम करने के लिए इन दावों का उपयोग करना चाहिए। जिससे कि हार्ट अटैक होने की संभावना कम हो । दिल्ली के अमृता हॉस्पिटल के प्रसिद्ध पेडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एस राधाकृष्णन ने बताया कि हार्ट में छेद यानी होल इन हार्ट हो तो उसे डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए और 6 महीने पर बच्चों की जांच करनी चाहिए और कब हार्ट को सर्जरी या डिवाइस से बंद करने की जरूरत है इसके बारे में चिकित्सकों को सलाह दी । 

कोलकाता की डॉक्टर देविका चटर्जी ने ईको कार्डियोग्राफी से बताया कि  हृदय रोग की जांच कर कैसे पता लगाया जाए, इसके बारे में अपने अनुभव को साझा किया और कई इकोकार्डियोग्राम दिखाएं । मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली के मशहूर कार्डियक सर्जन डॉक्टर एस के सिंह ने बाईपास सर्जरी के नए तरीके जैसे की रोबोट से कार्डियक सर्जरी करना एवं मिनिमल इनवेसिव बाईपास सर्जरी करने के तरीके बताएं और बताया कि आजकल इन विधि से बहुत कम चीरा लगाकर सर्जरी की जाती है और मरीज बहुत जल्द अपने काम पर लौट सकता है। 

कटक से आए डॉ दीपक रंजन दास ने हाई ब्लड प्रेशर को हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण बताया और नवीनतम जो गाइड लाइंस है उसके बारे में बताया कि हाइपरटेंशन को शुरुआती दौर में ही सही ट्रीटमेंट करके बढ़ने नहीं देना चाहिए। इससे हार्ट अटैक पर काबू पाया जा सकता है. इसके अलावा वैज्ञानिक क्षेत्र में बिहार झारखंड के कई विशेषज्ञ ने विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी जिसमें सबसे पहले बिहार के कई कार्डियोलॉजिस्ट ने लैब में जो जटिल समस्याएं आती हैं उसके बारे में वीडियो प्रेजेंटेशन किया. 

प्रमुख चिकित्सकों में डॉक्टर अजय सिन्हा , डॉक्टर अनिल कुमार ठाकुर, डॉ एसएस चटर्जी, मेदांता के डॉ संजय कुमार, NMCH के डॉ अजय कुमार सिन्हा , डॉ निशांत त्रिपाठी, डॉ शमशाद आलम, डॉ अनुपम भमभानी, डॉ दिव्येंदु भूषण, डॉ एके झा इत्यादि शामिल रहे. एम्स पटना के कार्डियक सर्जरी के विभाग अध्यक्ष डॉ संजीव कुमार ने कहा की पटना के कई संस्थानों में कार्डियक सर्जरी हो रही है और सरकार आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री सहायता कोष या आरबीएसके के माध्यम से आर्थिक सहायता भी मुहैया कर रही है। जिससे कि आम लोग भी अब कार्डियक सर्जरी अपने राज्य में ही कर रहे हैं । जरूरत है कि कार्डियक सर्जरी की सुविधा बिहार के अन्य जिलों में भी की जाए जिससे मरीज को समय पर इलाज हो सके. 

CSI बिहार चैप्टर के अध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार (सर्राफ) ने बताया कि इस कांफ्रेंस के विचार विमर्श से देश-विदेश में हो रहे हैं नई अनुसंधान तकनीक के बारे में राज्य के चिकित्सकों को लाभ हुआ है और वह मरीज को अपने क्षेत्र में ही अच्छी से अच्छी ट्रीटमेंट दे सकें और समय पर विशेषज्ञ अस्पताल में रेफर कर सकें ऐसा CSI का प्रयास रहा है । CSI रोगों से बचाव के लिए हमेशा जागरूकता कार्यक्रम करती रही है और इस तरह के साइंटिफिक सम्मेलन आगे भी करती रहेगी. कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ अनूप सिंह ने बताया कि यह कॉन्फ्रेंस कल भी जारी रहेगा और कल भी कई विशेषज्ञ हृदय रोग की नवीनतम तकनीकों के बारे में जानकारी देंगे और पोस्ट कॉविड दौर में जो हृदय रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है और कई युवा हृदय रोग से ग्रस्त एवं sudden कार्डियक डेथ की संख्या बढ़ गई है उसके बारे में विचार विमर्श करेंगे। इसमें हैदराबाद के मशहूर पेडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर आशीष सप्रे भी अपने अनुभव साझा करेंगे।


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