जदयू कार्यालय में आयोजित भामाशाह स्मृति समारोह में शामिल हुये मुख्यमंत्री, चित्र पर किया पुष्प अर्पित

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जदयू प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में आयोजित दानवीर शूरवीर भामाशाह की स्मृति समारोह में शामिल हुए। जदयू के व्यावसायिक एवं उद्योग प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस समारोह का मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने भामाशाह के तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। जदयू व्यावसायिक एवं उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कमल नोपानी ने मुख्यमंत्री को पगड़ी एवं अंगवस्त्र जबकि विधान पार्षद ललन सर्राफ ने मुख्यमंत्री को भामाशाह की प्रतिमा भेंटकर उनका अभिनंदन किया। चौरसिया समाज द्वारा मुख्यमंत्री को पान की माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन विशेष तौर पर भामाशाह की स्मृति में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। भामाशाह की जयंती 29 अप्रैल को है। यह बात सबको ध्यान में रखना चाहिए । हमलोगों ने कुछ दिन पहले ही इसी महीने कैबिनेट से यह तय कर दिया है कि अब हर वर्ष भामाशाह जी की जयंती के अवसर पर 29 अप्रैल को राजकीय समारोह का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जे०पी० आन्दोलन के समय जब हम जेल में थे तो कई जगह हमें स्थानांतरित किया गया। जब हम भागलपुर जेल में थे, उस समय भागलपुर जेल में मेरी मुलाकात ललन सर्राफ सहित अन्य कई लोगों से हुई। शुरू में तो ये हमसे बात ही नहीं करते थे। लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद जब इन्हें मेरे बारे में पता चला कि यह अच्छा आदमी है, तब इन्होंने हमसे आकर बात की और तभी हमारी दोस्ती हुई। हमलोगों का रिश्ता काफी पुराना है। उसी समय से ये हमारे साथ हैं। मधेपुरा या आस-पास के इलाके में जब भी कोई कार्यक्रम होता है तो ललन सर्राफ जी के घर हम बराबर जाते रहते हैं। इस बेहतरीन कार्यक्रम के आयोजन के लिए मैं इनको बधाई देता हूँ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भामाशाह का महाराणा प्रताप के साथ गहरा रिश्ता था। भामाशाह ने मेवाड़ की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप को हरसंभव मदद की। 12 वर्षों तक महाराणा प्रताप के 25 हजार सैनिकों का खर्च भामाशाह ने उठाया, यह कोई साधारण बात नही है। महाराणा प्रताप को मदद स्वरूप अपनी पूरी संपति उन्होंने दान कर दी थी। यह सभी लोगों को समझना चाहिए। उनके दो लड़के थे उनकी भी हत्या हो गयी थी। महाराणा प्रताप के प्रति मेरे मन में भी काफी इज्जत है। इसी साल 19 जनवरी को पटना में महाराणा प्रताप जी मूर्ति भी लगवाई गयी जिसका उद्घाटन हमने किया था। हमलोग दानवीर शूरवीर भामाशाह एवं महाराणा प्रताप समेत सबके स्मृति की बात करते हैं। वर्ष 2019 में पटना के पुनाईचक में भामाशाह जी की आदमकद प्रतिमा लगाई गई। बिहार भर से लोगों ने फोन करके इस फैसले की सराहना और स्वागत किया। इस बार 29 अप्रैल से हर वर्ष भामाशाह जी की जयंती के अवसर पर राजकीय समारोह का आयोजन किया जाएगा। भामाशाह जी राजस्थान के रहनेवाले थे और वहां से कुछ लोग बिहार आकर बस गये, इसलिए सबका भामाशाह जी से रिश्ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने सबके विकास और उत्थान के लिए प्रारंभ से ही काम किया है। पहले यहां व्यवसायियों की क्या स्थिति थी? अब कितने बेहतर ढंग से सुरक्षित माहौल में लोग अपना व्यवसाय कर रहे हैं। पहले व्यवसायी लोग कई प्रकार की चिंता में रहा करते थे। हमलोगों ने बिहार में लॉ एंड ऑर्डर कायम कर सबको सुरक्षा प्रदान की। अब कोई चाहकर भी इधर-उधर नही कर सकता। सब दिन आपके हित में हम काम करते रहेंगे। आपको जो अच्छा लगे उन्हीं को अच्छा कहिये और उन्हीं को वोट दीजिये लेकिन हम आप ही को अच्छा मानते हैं। हम वोट की चिंता नही करते। महाराणा प्रताप जी के साथ-साथ भामाशाह जी के योगदान को भी नई पीढ़ी के लोगों को जानना चाहिए। सभी महापुरुषों के इतिहास से नई पीढ़ी को अवगत होना चाहिए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग सब के हित में काम कर रहे हैं और सभी के सहयोग से बिहार आगे बढ़ रहा है। बिहार में कई ऐतिहासिक कदम उठाये गये हैं लेकिन हमलोगों के कामों की चर्चा कम होती है। आज बाबू वीर कुंवर सिंह जी की जयंती है। उनकी स्मृति में हमलोगों ने बिहार में कई काम किये हैं लेकिन दिल्ली वाले लोग आकर मीडिया के माध्यम से अपना प्रचार करवाने में लगे रहते हैं। वीर कुंवर सिंह जी पूरे देश में घूमे थे, अगर सचमुच दिल्ली वाले लोगों बाबू वीर कुंवर सिंह जी के प्रति लगाव है तो उनकी स्मृति में अब तक देश भर में क्यों नहीं कुछ काम करवाएं। हमलोगों ने बापू की स्मृति में भी काफी काम किया है। हमलोगों ने सब के सम्मान के लिए काम किया है। समाज के हर तबके के उत्थान के लिए काम किया है चाहे वे किसी भी जाति, धर्म के माननेवाले हों समाज में भाईचारे का माहौल कायम रखने के लिए हर प्रकार से काम किया गया है। ये लोग इतिहास को बदलना चाहते हैं, यह बात पूरे देश के लोगों को समझना होगा, हालांकि यह संभव नही है। बाबू वीर कुंवर सिंह जी, महाराणा प्रताप जी, दानवीर शूरवीर भामाशाह जी जैसे महापुरुषों के बारे में बच्चों को पढ़ाया जाएगा ताकि सब लोग पुरानी बातों को जान सकें।

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