PATNA: भारत– चीन के बीच हुई झड़प के बाद पूरे बिहार में चीनी सामानों के बहिष्कार की मुहिम काफी तेज हो गई है। ऐसे में चीनी समानों की बिक्री पर भी संकट मंडराने लगा है जिसके मद्देनजर अब चीनी समानों को बेचने वाले भी काफी डरे हुए नजर आ रहे हैं । इसका सीधा असर बिहार की राजधानी पटना में भी देखने को मिला है । दरसल पटना में चीन के सबसे बड़े स्मार्टफोन मेकर शाओमी कंपनी के डीलर्स ने अपने लोगो को और साइन बोर्ड्स को 'Made in India' लोगो से रिपलेस करना शुरू कर दिया है। कंपनी अपने एक्सक्लूसिव और मल्टी-बैंड सेलफोन स्टोर्स के बाहर ऑफिशयल लोगो को MADE IN INDIA लिखे हुए पोस्टर्स से ढकवा रही है। साथ ही साथ शॉप में काम करने वाले वर्कर्स को भी शाओमी के लोगो वाली यूनीफॉर्म ना पहनने को लेकर निर्देश दिये हैं ।
बता दें कि ब्रैंड के साइन बोर्ड्स रिटेलर के इंसेंटिव से जुड़े होते हैं और इससे किसी भी तरह का नुकसान सीधे रिटेलर को उठाना पड़ता है। इस सिलसिले में शाओमी की ओर से पटना और तमाम बड़े शहरों में रिटेल साइन ढक दिए गए हैं। इसके अलावा कंपनी ने और उन शहरों में ऐसा किया है, जहां दुकानों और स्टोर्स को नुकसान पहुंचाए जाने से जुड़ी धमकियां मिली हैं या न्कसान का अंदेशा है। बता दें, काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक भारत में 81 प्रतिशत स्मार्टफोन मार्केट पर चाइनीज ब्रैंड्स की हिस्सेदारी है।
कंपनी का मानना है कि देश में और सोशल मीडिया पर चल रहे एंटी-चाइना कैंपेन की आड़ में उपद्रवी दुकानों और स्टोर्स के अलावा प्रमोटर्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही वजह है कि कंपनी ने लोगो को 'मेड इन इंडिया' ब्रैंडिंग से ढकने का फैसला लिया है।कंपनी से जुड़े लोगों ने कहा कि ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AIMRA) की ओर से चाइनीज स्मार्टफोन ब्रैंड्स को एक लेटर लिखकर कहा गया है कि उनकी दुकानों और प्रॉडक्ट्स को मिल रहीं धमकियों के चलते उन्हें ब्रैंडिंग छुपानी या हटानी पड़ेगी।
AIMRA की ओर से शाओमी के अलावा ओप्पो, वीवो, रियलमी, वनप्लस, लेनोवो-मोटोरोला और हुवावे को भी लेटर लिखा गया है। कंपनियों से कहा है कि वे रिटेलर को उनकी ब्रैंडिंग वाले साइनबोर्ड्स हटाने या छुपाने की अनुमति दें। लेटर में कहा गया है, 'ऐसे बोर्ड्स को होने वाला डैमेज रिटेलर की जिम्मेदारी नहीं होगा क्योंकि इस वक्त हालात नियंत्रण में नहीं हैं। ऐसे में एंटी-चाइना कैंपेन ठंडा पड़ने तक के लिए ऐसा करने की अनुमति कंपनियों से मांगी गई है।