अमित शाह से मिलेंगे चिराग पासवान, 6 लोकसभा और एक राज्य सभा सीट की मांग, एनडीए में शामिल होने ये है शर्त

पटना. एनडीए में शामिल होने को लेकर कुछ शर्त रखने वाले लोकजनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं. दोनों नेताओं के बीच होने वाली इस मुलाकात में चिराग की उन शर्तों पर चर्चा होगी जिसे उन्होंने एनडीए में शामिल होने के लिए रखा है. इसमें लोकसभा चुनाव में 6 संसदीय सीटों की मांग और एक राज्य सभा सीट पर दावेदारी सहित हाजीपुर संसदीय सीट पर चिराग के चुनाव लड़ने की शर्त प्रमुख है. 

दरअसल चिराग से पिछले एक सप्ताह में दो बार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मुलाकात की थी. उसके बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चिराग को चिट्ठी लिखकर 18 जुलाई की बैठक में बुलाया था. लेकिन अब चिराग के बारे में कहा जा रहा है कि वे अभी भी कई शर्तों को भाजपा से मनवाना चाहते है. इसमें चाचा पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद को पाटने, लोकसभा चुनाव में चिराग की पार्टी लोजपा रामविलास के लिए अभी से सीटें तय करने, केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने जैसे मामले पर ठोस आश्वान की दरकार है. 


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चिराग एक दिन पहले ही दिल्ली से पटना आए थे और दिन भर उन्होंने अपने दल के कई नेताओं से बात की थी. बाद में रविवार को भी दिल्ली जाने के पहले उन्होंने पार्टी के नेताओं से कई दौर की बात की. सूत्रों के अनुसार इसमें चिराग को पार्टी नेताओं ने अधिकृत किया है कि वे जो भी निर्णय लेंगे उस पर वे उनके साथ हैं. साथ ही भाजपा और एनडीए के साथ जाने के पहले चिराग और उनके दल के नेताओं का मानना है कि भाजपा पहले उसके शर्त को मानें. सूत्रों के अनुसार चिराग को लोकसभा की 6 सीट और राज्यसभा की एक सीट चाहिए. साथ ही हाजीपुर सीट पर भी चिराग का दावा है. इन तमाम मुद्दों पर अब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से बात कर चिराग डील फाइनल करेंगे. 

चिराग पासवान को बिहार में भाजपा एक बड़े तुरुप के पत्ते के रूप में देख रही है. इसके पीछे की मुख्य वजह चिराग के साथ जुड़ा हुआ वोट बैंक है. चिराग के पिता रामविलास पासवान ने कई दशकों में अपनी एक विशेष पहचान पासवान बिरदारी में बनाई. उनके नक्शेकदम चलकर अब चिराग भी खुद को पासवान बिरदारी का बड़ा नेता साबित कर चुके हैं. बिहा में करीब 6 फीसदी पासवान वोट है. ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि वह चिराग के बहाने इस 6 फीसदी वोटों को एनडीए के खाते में लाने में सफल हो. चिराग भी अपनी इस मजबूत स्थिति को समझते हैं. माना जा रहा है कि इसी कारण एनडीए में शामिल होने के पहले चिराग अब भाजपा से सारे मुद्दों पर फाइनल डील करने के लिए दिल्ली गए हैं. इन तमाम मुद्दों पर अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व यानी अमित शाह से होने वाली मुलाकात में अगर चिराग को ठोस आश्वासन मिलता है तो वे 18 जुलाई की बैठक में शामिल हो सकते हैं.