डेस्क: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. मंगलवार को कांग्रेस के छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को हराया. इसके बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. अब विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए रास्ता बन गया है.
सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर खतरा
हर्ष महाजन और अभिषेक मनु सिंघवी को 34-34 मत मिले. उसके बाद महाजन को ‘ड्रॉ’ के जरिए विजेता घोषित कर दिया गया. इससे हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के पास 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 विधायक हैं. भाजपा के 25 विधायक हैं और तीन विधायक निर्दलीय हैं.अब भाजपा द्वारा सुखविंदर सिंह सुक्खू की 14 महीने पुरानी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बादल मंडरा रहे हैं.
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मिले शक्ति परीक्षण की मांग
विपक्ष के नेता और अन्य भाजपा विधायकों ने बुधवार की सुबह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और राज्य विधानसभा में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के लिए शक्ति परीक्षण की मांग की. विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने राज्यपाल से बैठक के बाद कहा कि जब हमारी संभावनाएं बहुत कम लग रही थीं, तब हमने जीत हासिल की. भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीता. वर्तमान में, कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.
राज्य सभा चुनाव के बाद बदले हालात
हिमाचल प्रदेश में राज्यसबा चुनाव के बाद राजनीतिक हालात बदल गए हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है और फ्लोर टेस्ट की मांग करने लगे हैं.जयराम ठाकुर ने कहा कि हमने राज्यपाल को हाल ही में विधानसभा में जो कुछ हुआ उसके बारे में सूचित किया है राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन जीते.फिलहाल कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.