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बिहार में लालू को बड़ा झटका देने की तैयारी में जुटे सीएम नीतीश ! राजद - कांग्रेस के विधायकों में सेंधमारी का फॉर्मूला सेट

बिहार में लालू को बड़ा झटका देने की तैयारी में जुटे सीएम नीतीश ! राजद - कांग्रेस के विधायकों में सेंधमारी का फॉर्मूला सेट

पटना. बिहार में एनडीए सरकार बनने के आसार के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक साथ कई मोर्चों पर बड़ा खेला कर सकते हैं. एनडीए में जदयू की वापसी से बिहार में एनडीए सरकार बनाकर सीएम नीतीश एक ओर महागठबंधन और विशेषकर राजद को बड़ा झटका देंगे. वहीं दूसरी ओर राजद और कांग्रेस सहित वामदलों में सेंधमारी की कोशिश भी की जा सकती है. इसमें नीतीश कुमार की पार्टी के निशाने पर कांग्रेस सॉफ्ट टारगेट के रूप में रहने की संभावना है.

कांग्रेस विधायक पर नजर : बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक हैं. कांग्रेस ने शनिवार पूर्णिया में अपने सभी विधायकों की एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में कितने कांग्रेस MLA शामिल होते हैं यह बेहद अहम होगा. सूत्रों के अनुसार जदयू की कोशिश है कि कांग्रेस के कई विधायकों को अपने पाले में किया जाए. दरअसल, दल-बदल विरोधी कानून के पैराग्राफ 4 में कहा गया है कि यदि कोई राजनीतिक दल किसी अन्य दल में विलय करता है, तो उसके सदस्य अपनी सीटें नहीं खोएंगे। लेकिन इस विलय के लिये सदन में उस पार्टी के पास कम-से-कम दो-तिहाई सदस्यों का समर्थन होना ज़रूरी है। ऐसे में कांग्रेस के करीब 13 विधायकों को जदयू अगर तोड़ने में सफल रहती है तो उसे बड़ा लाभ मिलेगा. 

जदयू सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के कई विधायक अपनी पार्टी से नाराज हैं. पिछले लम्बे अरसे से कांग्रेस ने मन्त्रिमंडल विस्तार को लेकर भी सीएम नीतीश से मांग की थी. लेकिन नीतीश ने उनकी मांगों को अब तक नहीं माना. ऐसे में विधायकों के एक समूह को जदयू की ओर से कोई बड़ा ऑफर दिया जा सकता है. जदयू अगर इसमें सफल रहती है तो उसे दोहरा लाभ मिलेगा. एक ओर कांग्रेस का संख्या बल कम जाएगा. दूसरी ओर राजद भी इससे बड़े झटके का सामना करेगी. 

राजद को लगेगा झटका : राजद के लिए बिहार में सरकार बनाने का फॉर्मूला तभी संभव है जब कांग्रेस के 19 विधायक एकजुट रहें. सूत्रों का कहना है कि जदयू की कोशिश इसी कारण कांग्रेस को तोड़ने की है. इससे कांग्रेस के टूटते ही राजद की ताकत भी कम जाएगी. इतना ही नहीं वाम दलों से भी जदयू के कुछ नेताओं की भीतर खाने चर्चा होने की खबर है. इससे उन दलों के वैसे विधायक जो नीतीश कुमार से प्रभावित हैं उन्हें जदयू अपने दल में ले सकती है. इस प्रकार नीतीश कुमार जदयू के विधायकों का संख्या बल भी बढ़ जाएगा और दूसरी और लालू के सहयोगी दलों की ताकत ही खत्म हो जाएगी.

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