पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि देशहित में लिए गए राज्यों को निर्णयों में केंद्र सरकार रोड़ा अटकाती है. उन्होंने नालंदा में जाति गणना के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. सीएम नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार का काम जनगणना कराना है. वहीं राज्यों द्वारा अपने स्तर पर गणना या सर्वे कराया जा सकता है. उन्होंने केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट में एक दिन पहले दिए दो अलग अलग हलफनामों की ओर संकेत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ व्यवधान पैदा करना चाहती है.
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समय से ही हर 10 वर्ष पर जनगणना का काम होता रहा है. लेकिन वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना अब तक नहीं हुई है. यह पहला मौका है जब केंद्र सरकार ने समय पर जनगणना का काम नहीं कराया है. सीएम नीतीश ने जनगणना नहीं कराने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उनकी मंशा को अनुचित करार दिया.
सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार में जाति गणना कराने के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दल एकजुट थे. केंद्र की ओर से होने वाली जनगणना में भी एससी-एसटी और अल्पसंख्यक समुदायों का डेटा लिया जाता है. अब बिहार में हो रही गणना में हम लोगों की आर्थिक स्थिति का भी आकलन कर रहे हैं. इससे भविष्य में हर समुदाय के लिए बेहतर योजनाएं बन सकती हैं. लेकिन राज्यहित में लिए गए इस निर्णय से उन्हें (केंद्र) परेशानी हो रही है. हम लोग राज्य के विकास के लिए जातीय गणना करवा रहे हैं.
मुंबई बैठक पर कही बड़ी बात : वहीं मुंबई में होने वाली इंडिया की बैठक को लेकर नीतीश ने कहा कि वे इसमें जा रहे है. उन्होंने कहा कि वे संयोजक बनने को लेकर पहले भी साफ कर चुके हैं कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं है. वे फिर से कह रहे हैं कि उनका उद्देश्य पद पाना नहीं है. वे सिर्फ विपक्ष को एकजुट कर देशहित में सबको एकसाथ लाना चाहते हैं.