PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज शनिवार को लगातार बैठक की. पहले लॉ एंड ऑर्डर पर मीटिंग की फिर अल्प वर्षा से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। दूसरी बैठक की सबसे खास बात यह रही की इस महत्वपूर्ण मीटिंग में कृषि विभाग के मंत्री ही मौजूद नहीं रहे। इसके पहले यानि अगस्त महीने में जब सीएम नीतीश ने सुखाड़ को लेकर मीटिंग की थी तब भी कृषि मंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए थे। वे अलग से विभाग में ही मीटिंग करते रहे।
मीटिंग से सुधाकर सिंह रहे दूर
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज संकल्प में अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। बैठक में केवल अधिकारी दिखे। मंत्री बैठक से दूरे रहे। मीटिंग में मुख्य सचिव से लेकर कृषि सचिव,आपदा प्रबंधन सचिव मौजूद रहे लेकिन जिस कृषि विभाग की मीटिंग हो रही उस विभाग के मंत्री सुधाकर सिंह नहीं दिखे। हालांकि मीटिंग में कृषि मंत्री के शामिल नहीं होने की कोई वजह नहीं बताया गया है.
17 अगस्त की मीटिंग में भी अलग-अलग दिखे थे मुख्यमंत्री-मंत्री
आज 10 सितंबर को जो तस्वीर दिखी वो तस्वीर 17 अगस्त को भी दिखी थी. तब महागठबंधन सरकार में एक दिन पहले ही मंत्रिमंडल के सहयोगियों का शपथ ग्रहण हुआ था। राजद कोटे से मंत्री बने सुधाकर सिंह को कृषि विभाग का जिम्मा दिया गय़ा था। 17 अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री किसानों के मुद्दे पर सीएम हाऊस में बैठक करते रहे। दूसरी तरफ कृषि मंत्री सुधाकर सिंह विभाग में बैठक करते रहे। यानी मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री किसान हित में बैठक की पर साथ-साथ नहीं दिखे। उस दिन भी सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। जबकि नए-नवेले कृषि मंत्री ने मैराथन बैठक कर विभागीय योजनाओं की जानकारी ली थी।
सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले का केस
बता दें, वर्तमान कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले का का केस है। वर्ष 2013 में कैमूर एसएफसी के जिला प्रबंधक ने रामगढ़ थाने में 5.32 करोड़ गबन का केस किया था। यह मामला अभी न्यायालय में लंबित है। चावल घोटाले के आरोपी सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाये जाने पर सीएम नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर हैं. पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने भ्रष्टाचार से समझौता कर लिया है।