पटना के प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े ने एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक के दौरान एनएचएआई की 34 परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण की धीमी प्रगति पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इन परियोजनाओं का समय पर और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है, और इसमें किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में आयुक्त ने पटना, नालंदा, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, और कैमूर जिलों में चल रही परियोजनाओं का विस्तृत विश्लेषण किया और संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि लंबित भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण के मामलों को तुरंत निपटाया जाए।
समीक्षा बैठक के दौरान बताया गया कि पटना जिले में एनएचएआई की 12 परियोजनाएं, नालंदा में 4, भोजपुर में 2, रोहतास में 9, बक्सर में 3 और कैमूर में 4 परियोजनाएं चल रही हैं। इन परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण के कई मामले लंबे समय से लंबित हैं, जिससे परियोजनाओं की प्रगति बाधित हो रही है। आयुक्त ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी अधिकारी भू-अर्जन की प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं, उन्हें तत्काल मामले का निपटारा करना होगा। उन्होंने कहा कि कैंप लगाकर मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया को गति दी जाए ताकि परियोजनाएं तय समय सीमा में पूरी हो सकें।
आयुक्त ने जोर देते हुए कहा कि एनएच/एनएचएआई की परियोजनाओं का समय पर क्रियान्वयन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। यह केवल सड़क निर्माण से जुड़ी परियोजनाएं नहीं हैं, बल्कि ये परियोजनाएं विकास के मार्ग को खोलने का काम करती हैं। उन्होंने कहा कि लंबित भूमि अधिग्रहण, मुआवजा वितरण, संरचनाओं के मूल्यांकन, भौतिक दखल-कब्जा, और अनापत्ति प्रमाण-पत्र जैसी प्रक्रियाओं में तेजी लाना बेहद जरूरी है ताकि परियोजनाओं को गति दी जा सके।
बैठक के दौरान मयंक वरवड़े ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और सभी जिलों के जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे लंबित मामलों को जल्द से जल्द हल करें। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं में सरकारी जमीन का हस्तांतरण और बकास्त भूमि का रैयतीकरण लंबित है, उन मामलों को नियमों के अनुसार शीघ्र निष्पादित किया जाए। इसके लिए आयुक्त ने अधिकारियों से कहा कि सभी प्रक्रियाओं का ससमय अनुपालन करें और अधिसूचनाओं का प्रकाशन, नोटिस का तामिला, और अन्य प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा करें।
आयुक्त ने बैठक में स्पष्ट चेतावनी दी कि जिन परियोजनाओं में जानबूझकर देरी की जा रही है, वहां जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि देरी की वजह से परियोजनाओं की लागत बढ़ रही है और जनता को विकास कार्यों का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा है। आयुक्त ने अधिकारियों से कहा कि वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें और तय समय सीमा के भीतर भूमि अधिग्रहण से जुड़े सभी मुद्दों को हल करें। समीक्षा बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े के साथ-साथ उनके सचिव विनय कुमार ठाकुर, उप निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (आईपीआरडी) लोकेश कुमार झा, सभी जिलों के जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, एनएचएआई के परियोजना निदेशक, और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में जिलावार एनएच/एनएचएआई की परियोजनाओं में भू-अर्जन की स्थिति, प्रक्रिया अनुपालन, अधिसूचना का प्रकाशन, मुआवजा भुगतान, और कार्यों में प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई।
बैठक में आयुक्त ने विशेष रूप से मुआवजा वितरण की धीमी गति पर चिंता जताई। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे कैंप लगाकर मुआवजा भुगतान में तेजी लाएं ताकि प्रभावित लोगों को समय पर उनके अधिकार मिल सकें। मुआवजा वितरण में देरी से न केवल परियोजनाओं की गति प्रभावित हो रही है, बल्कि इससे जनता में भी असंतोष पनप रहा है। आयुक्त ने यह भी कहा कि मुआवजा भुगतान में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी प्रकार की शिकायत की गुंजाइश न रहे। मयंक वरवड़े ने अधिकारियों से कहा कि भू-अर्जन की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और तेज बनाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी प्रक्रियाओं का नियमानुसार अनुपालन सुनिश्चित किया जाए ताकि परियोजनाओं में किसी भी प्रकार की रुकावट न हो। उन्होंने भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों में देरी के कारणों का विश्लेषण करने का आदेश दिया और कहा कि सभी लंबित मामलों को त्वरित रूप से हल किया जाए।