राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर मुजफ्फरपुर में दर्ज हुआ परिवाद, 11 सितम्बर को होगी मामले की सुनवाई

MUZAFFARPUR : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विवादित बोल के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं। 30 अगस्त को उन्होंने राजस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन के क्रम में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए न्याय व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अदालतों में इतना भ्रष्टाचार है कि कोर्ट के फैसले तक वकील लिखते हैं और वह जो लिखकर लाते हैं वही फैसला आता है। यह क्या हो रहा है ज्यूडिशरी के अंदर चाहे लोअर ज्यूडिशरी हो या अपरज्यूडिशरी हालत गंभीर है।

उनके इस बयान को लेकर मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने एक आपराधिक परिवाद दायर किया है। जिसमें उन्होंने आईपीसी की धारा 500, 501 ,504 और 506 के तहत यह परिवाद दायर किया है। न्यायालय ने परिवाद को स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 11 सितंबर को सुनिश्चित की है।

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अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि मुख्यमंत्री जैसे सम्मानित पद पर होने के बावजूद अशोक गहलोत के द्वारा जो बयान दिया गया है। उसे एक अधिवक्ता होने के नाते उनकी भावनाओ को ठेस पहुंचा है। उन्होंने न्यायिक पदाधिकारी एवं उनके द्वारा अपनाए जा रहे प्रक्रिया पर सवाल उठाकर अवमानना किया है। जिसे लेकर उन्होंने यह परिवाद दायर किया है।

मुजफ्फरपुर से मणिभूषण की रिपोर्ट