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नीतीश-लालू के गढ़ में सेंधमारी करने की तैयारी में कांग्रेस... बिहार में जनसभा करने आ रहे हैं सोनिया-राहुल और प्रियंका गांधी

नीतीश-लालू के गढ़ में सेंधमारी करने की तैयारी में कांग्रेस... बिहार में जनसभा करने आ रहे हैं सोनिया-राहुल और प्रियंका गांधी

पटना. बिहार में नीतीश सरकार में शामिल कांग्रेस अब जदयू और राजद को चुनौती देने की तैयारी में जुट गई है. नए साल की शुरुआत के साथ ही कांग्रेस ने इसके लिए बड़ी तैयारी कर ली है. वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस की कोशिश बिहार में अपनी जड़ों को मजबूत करना है. इसके लिए पार्टी 5 जनवरी से बिहार यात्रा की शुरुआत कर रही है. सबसे खास बात है कि कांग्रेस की इस यात्रा में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के अलावा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल हो रही हैं. 

कांग्रेस का पहला शक्ति प्रदर्शन बांका में होगा. यहां 5 जनवरी को मल्लिकार्जुन खड़गे रैली को संबोधित करेंगे.  प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह बांका की रैली को सफल बनाने के लिए पिछले कुछ दिनों से लगातार सक्रिय हैं. वे सभी कांग्रेस नेताओं को एकजुट करने और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इसके लिए सक्रिय होने का आह्वान कर रहे हैं. 

दरअसल, कांग्रेस की बिहार यात्रा में पार्टी के 1200 किलोमीटर पैदल चलने की योजना है. दो महीने तक चलने वाली यह यात्रा राज्य 17 जिलों से होकर गुजरेगी. वहीं राज्य के शेष 21 जिलों में अलग अलग यात्री समूह अपनी यात्रा शुरू करेंगे और विभिन्न पड़ाव पर वे मूल यात्रा से जुड़ जायेगें. भारत जोड़ो यात्रा में 200 मूल यात्री पूरे यात्रा में शामिल रहेंगे. इसमें समय समय पर कई अन्य केंद्रीय और विभिन्न राज्यों के कांग्रेस नेता शामिल होंगे 

यात्रा की सबसे बड़ी खासियत है कि खुद सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी पटना की रैली को संबोधित करेंगे. वहीं राहुल गांधी बोधगया में समापन यात्रा के दिन जनसभा को संबोधित करेंगे. यात्रा बांका से शुरू होकर भागलपुर, खगड़िया, बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, आरा, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद होते हुए बोधगया में समाप्त होगी.

पिछले करीब साढ़े तीन दशक यानी 35 सालों में यह पहला मौका है जब कांगेस बिहार में इतने बड़े स्तर पर अपना कोई कार्यक्रम कर रही है. इसके पहले वर्ष 1988 में कांग्रेस की एक रैली पटना में हुई थी. उसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद की अगुवाई में कांग्रेस ने हुंकार भरी थी और रैली को संबोधित करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी आए थे. हालांकि बाद में 1990 में जब लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री बने उसके बाद से कांग्रेस के कमजोर होने का सिलसिला लगातार बढ़ता गया. यहां तक कि बाद के वर्षों में कांग्रेस ने कई चुनाव राजद सहित अन्य दलों के सहयोग से लड़ा. बिहार में बेहद कमजोर मानी जाने वाली कांग्रेस के मुकाबले राजद और जदयू मजबूत हुई. अब कांग्रेस मौजूदा नीतीश सरकार में शामिल है लेकिन बिहार की राजनीतिक महत्ता को ध्यान में रखकर पार्टी अब बिहार यात्रा के बहाने खुद को मजबूत और जनता से जुड़ाव स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाने जा रही है. 

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