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विवादित शिक्षा मंत्री की भारी फजीहत ! पहले जेडीयू MLC ने 'चंद्रशेखर' को धोया फिर विप सभापति ने शिक्षा बजट पर बोलने से रोक सदन किया स्थगित

विवादित शिक्षा मंत्री की भारी फजीहत ! पहले जेडीयू MLC ने 'चंद्रशेखर' को धोया फिर विप सभापति ने शिक्षा बजट पर बोलने से रोक सदन किया स्थगित

PATNA: विवादास्पद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सोमवार को विधानसभा में शिक्षा बजट पर चर्चा के दौरान रामचरितमानस पर विवादित बात बोलने में सफल हो गए थे. पर आज विप में दांव उल्टा पड़ गया. शिक्षा बजट पर चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री ने शिक्षा पर बात रखने की बजाय फिर से रामचरितमानस को लेकर विवादित पक्ष रखने पर तुले थे. लेकिन यहां उल्टा पड़ गया. सत्ता पक्ष ने पहले शिक्षा मंत्री को धोया इसके बाद सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने चंद्रशेखर की बात पर घोर आपत्ति दर्ज करते हुए बिना बजट पास कराये ही सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

नीरज कुमार ने शिक्षा मंत्री की करी फजीहत 

दरअसल, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर आज भी विधानसभा की तरह ही विप में रामचरित मानस की कई किताब लेकर पहुंचे थे. इस दौरान वे अपने विवादित बयान को सही करार देने में जुटे रहे, साथ ही कहा कि इन पुस्तकों को प्रोसिडिंग का हिस्सा बना लिया जाय. लेकिन जेडीयू के सदस्य नीरज कुमार ने इस घोर आपत्ति दर्ज की। सदन में खड़े होकर जेडीयू एमएलसी ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि इसको प्रोसीडिंग का पाठ मत बनाइए. अगर प्रोसिडिंग का पार्ट बनाइएगा तो हम भी चर्चा करेंगे कि राजा टोडरमल ने कब रामायण लाया था. हमलोग संविधान की चर्चा करें या रामायण महाभारत या कुरान पर फंसे रहें. इसके बाद राजद एमएलसी सुनील सिंह खड़े हो गए और शिक्षा मंत्री की जमकर खबर ली. कहा कि हम लोग इस चर्चा को सुनने के लिए यहां बैठे हैं ? शिक्षा मंत्री कैसे शिक्षा को आगे लेना चाहते हैं यह बताए। इसके बाद सभापति ने कहा कि आपकी भावना का हम सम्मान करते हैं. लेकिन आज इस पर चर्चा नहीं. विपक्ष ने इन विषयों पर चर्चा नहीं किया है. इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि रामचरितमानस पर चर्चा जरूरी है. इसके बाद महेश्वर सिंह ने कहा कि विस की बात इस सदन में आप ले आए हैं . शिक्षा में कोई जातिवाद नहीं है. अनुसूचित जाति के शिक्षक को भी हम लोग पैर छूकर प्रणाम करते हैं. पूरे रामायण में अच्छाइयां हैं उसको आप अपना नहीं रहे. आप खोज खोज कर ला रहे हैं. आप जो चर्चा कर रहे हैं उस पर कोई चर्चा करने की जरूरत नहीं है. शिक्षा पर बजट है उस पर चर्चा होनी चाहिए . चंद्रशेखर पर तंज कसते हुए कहा कि आपके स्कूल में विद्यार्थी है? 

विवादित बात बोल रहे मंत्री को सभापति ने बोलने नहीं दिया, सदन किया स्थगित 

रामचरित मानस पर विवादित बात बोलने की जिद पर अड़े शिक्षा मंत्री को सभापति देवेश चंद्र ठाकुर तंग आ गए। वे मंत्री से बार-बार शिक्षा पर बोलने को कहते रहे लेकिन वे शिक्षा की बजाय रामचरितमानस पर बोलते रहे. इसके बाद उन्होंने कहा कि आप अपने वक्तव्य को सदन के मेज पर रख दें. यह कार्यवाही का अंश बन जाएगा.इसके बाद मंत्री बोलना चाहे तो सभापति ने कहा आप किस बात को कहना चाहते हैं... जिस मुद्दे पर चर्चा चल रही थी उस पर तो आपने कुछ कहा ही नहीं. बिहार की मौजूदा शिक्षा क्या परिस्थिति है, बजट में क्या प्रावधान किया है, उसका तो आपने जिक्र किया ही नहीं. अब उस पर चर्चा मत करिए. इसके बाद सभापति आगे बढ़ गए और मंत्री की एक न सुनी. फिर निवेदनों की संख्या को पढ़ते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी चाही. इस पर नीचे के सदस्यों ने कुछ कहा तो सभापति बोले कि मंत्री जी सदन पटल पर रख दें. मंत्री जी बजट पास करा ही नहीं रहे.  हम बार-बार बजट पर चर्चा की गुजारिश करते रहे. मंत्री जी पेश कर ही नहीं रहे हैं. हम लोग जिस मकसद से उपस्थित है उस पर कोई चर्चा ही नहीं हो रही है.इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी

सोमवार को बिहार विधानसभा में शिक्षा बजट पर चर्चा हुई थी। सरकार की तरफ से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने जवाब दिया. शिक्षा मंत्री सदन में रामचरित मानस से लेकर मनु स्मृति समेत अन्य पुस्तक लेकर पहुंचे थे. बिहार में शिक्षा का विकास कैसे हो, इस पर उनका फोकस कम रामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी को सही करने पर ज्यादा पसीना बहा रहे थे. सबसे आश्चर्यजनक बात यह कि शिक्षा मंत्री धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस के दोहा पर सवाल खड़े कर रहे थे और इस मुद्दे पर विरोध करने व मंत्री से माफी मांगने की मांग करने वाले जेडीयू कोटे के मंत्री टुकुर-टुकुर देखते रह गए। शिक्षा मंत्री ने एक बार फिर से रामचरित मानस में लिखी पक्ति को गलत करार दे दिया. इस तरह से शिक्षा मंत्री ने धार्मिक ग्र्ंथों पर बोलने से मना करने वाले अपने मुख्यमंत्री को भी खुली चुनौती दे दी. 

शिक्षा मंत्री ने मानस को नफरत फैलाना वाला ग्रंथ बताया था 

बता दें, चंद्रशेखर ने पटना में एक दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों का हवाला देते हुए उसे नफ़रत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए बयान पर नारजगी जताई थी. उन्होंने कहा था "हम लोगों का मानना है कि किसी भी धर्म के मामले में कोई विवाद नहीं करना चाहिए. लोग जिस तरह के धर्म का पालन करते हैं, धर्म का पालन करें. इस पर किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए

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