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बिहार में बढ़ने लगा कोरोना का खतरा, गया में 6 लोग मिले पॉजिटिव, जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल, कोविड के इस नए वैरिएंट से बढ़ा खतरा?

बिहार में बढ़ने लगा कोरोना का खतरा, गया में 6 लोग मिले पॉजिटिव, जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल, कोविड के इस नए वैरिएंट से बढ़ा खतरा?

PATNA- कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से डराना शुरू कर दिया है. खास तौर से कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 का सक्रमण बढ़ने से कई राज्यों में सतर्कता बढ़ गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी जारी है. वहीं कोविड के नए वैरिएंट जेएन-1 के सामने आने के बाद से एक बार फिर बिहार में कोरोना डराने लगा है. शनिवार को गया जिले में छह लोगों की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आयी है. जिसके बाद हड़कंप मच गया है. सभी मरीजों की उम्र 20 वर्ष से नीचे हैं. आरटीपीसीआर जांच से पुष्टि होने के बाद सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है. साथ ही संक्रमित मरीजों के सैंपलों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पटना के IGIMS भेजा गया है.

सभी संक्रमितों के सैंपल 29, 28, 27 व 26 दिसंबर को लिए गए थे. पॉजिटिव मिले लोगों में पांच गया के हैं, जबकि एक व्यक्ति औरंगाबाद का है. संक्रमित लोगों में वजीरगंज के सकरदास नवादा, बेलागंज व शहर के टिकारी रोड के एक-एक संक्रमित हैं. इसके अलावा 27 दिसंबर को लिये गये सैंपल में भी दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव है. इसमें एक इमामगंज व एक आमस का व्यक्ति है. वहीं, 26 दिसंबर को औरंगाबाद का एक व्यक्ति ओपीडी में सैंपल देकर गया था, उसकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आयी है. सभी के फोन नंबर पर रिपोर्ट के बारे में बता दिया गया है और होम आइसोलेशन में रखा गया है.अब तक पॉजिटिव मिले मरीजों में किसी की ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है. अस्पतालों के अलावा एयरपोर्ट पर रैंडम जांच की जा रही है. हालांकि संक्रमण से किसी तरह के परेशान होने की जरूरत नहीं है. विषम परिस्थितियों से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है. सभी अस्पतालों को अलर्ट रखा गया है. 

कोरोना के नए वेरिएन्ट के मरीज मिलने के बाद बिहार स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट है. इस संबंध में सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश भी दिए जा चुके हैं. जिसके बाद लगातार कोरोना जांच की जा रही है. जिसकी वजह से अलग-अलग जिलों से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. अब कोरोना के तीन मरीज पटना में, जबकि एक मरीज सासाराम और एक मुजफ्फरपुर में पाया गया था. वहीं, अब कोरोना ने गया में भी दस्तक दे दी है. पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट पर रैंडम सैंपलिंग भी की जा रही है.

कोरोना की वजह से अस्पतालों में सर्जरी को लेकर भी एहतियात बरता जा रहा है. पटना एम्स और आइजीआइएमएस में अब सर्जरी से पहले मरीज की कोरोना जांच अनिवार्य कर दी गयी है. इसको लेकर एम्स के निदेशक व आइजीआइएमएस के निदेशक की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया. जनरल सर्जरी, ऑर्थो सर्जरी, नाक, कान गला रोग और नेत्र रोग में होने वाली सर्जरी से पहले मरीज की कोविड जांच करायी जायेगी. आरटीपीसीआर जांच में निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद मरीज की सर्जरी करने का निर्देश जारी कर दिया गया है, साथ ही ओपीडी व भर्ती के समय मास्क अनिवार्य किया जा चुका है.

कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार कोरोना वायरस सीधे फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है जिसे वायु प्रदूषण के चलते उत्पन्न लक्षणों के कारण चिन्हित करने में दिक्कत हो रही है. इस संक्रमण की जांच ही इसकी रोकथाम का उपाय है क्योंकि मौसम में बदलाव और प्रदूषण के कारण भी लोगों को अक्सर खांसी, जुकाम और सांस लेने में दिक्कत होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते शनिवार को कोरोना संक्रमण के 87 मामले दर्ज हुए थे जिनमें सर्वाधिक 84 मामले केरल, 3 पुड्डुचेरी और 1-1 गोवा व गुजरात में पाए गए हैं. वहीं, संक्रमण के चलते ओडिशा और बिहार में मृत्यु दर के आंकड़ों का मिलान जारी है. ओडिशा में एक केस एक्टिव पाया गया है. किसी व्यक्ति को कोविड-19 उन लोगों से हो सकता है जिनमें इस वायरस का संक्रमण है. जब कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या सांस छोड़ता है तो उसके नाक या मुंह से निकली छोटी बूंदों से यह रोग दूसरे में फैल सकता है.  




  

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