भागलपुर- मोहब्बत में नहीं है फर्क जीने और मरने का...उसी को देख कर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले. कहा जाता हैं कि जब किसी को इश्क हो जाता हैं. तब उसे सारी दुनिया हसीन लगने लगती हैं. इश्क में इन्सान सिर्फ अपना दिल ही नहीं वह अपना दिमाग भी हार बैठता हैं. ऐसा हीं हुआ भागलपुर के कहलगांव में. अंजली नौ महीने पहले बीपीएससी से शिक्षक नियुक्त हुई. कहलगांव उत्क्रमित उवि सौर कहलगांव में उसकी पोस्टिंग हुई.
इसी दौरान उसकी आंख चार चंद्रशेखर यादव से हो गई. बच्चों को पढ़ाते पढ़ाते अंजली प्यार के सागर में गोते लगाने लगी. 9 माह पहले बनी बीपीएससी टीचर अंजली स्कूल में पढ़ने लगी 'इश्क' की पढ़ाई. अब चंद्रशेखर के बिना उसका जीना दूभर हो गया. और एक दिन बाबुल का साथ छोड़ कर चिड़िया फुर्र हो गई. और अब...
भागलपुर जिला कहलगांव उत्क्रमित उवि सौर कहलगांव में कार्यरत एक शिक्षक चंद्रशेखर यादव उसी विद्यालय की एक शिक्षिका अंजली को लेकर फरार हो गया है. शिक्षिका के पिता ने कहलगांव थाना में आवेदन दिया है. नालंदा जिला शिवपुरी रामचंद्रपुर के कपिलदेव प्रसाद की पुत्री अंजली कुमारी बीपीएससी से शिक्षिका के पद पर चयनित हुई थी और नौ माह से सौर स्कूल में पदस्थापित थी.
कहलगांव पूरब टोला में डेरा लेकर मां एवं अन्य के साथ रहती थी. प्रतिदिन सुबह में स्कूल जाती थी शाम में लौटकर आ जाती थी. दो सितंबर को स्कूल गयी थी. वापस नहीं लौटी. पता चला कि उसी विद्यालय के शिक्षक परबत्ता थाना क्षेत्र के जमुनिया के चंद्रशेखर यादव शादी की नीयत से बहला फुसलाकर कर भागकर ले गया है. इस घटना से सौर गांव के ग्रामीणों में आक्रोश है.
बहरहाल भले हीं गांव में इसको लेकर आक्रोश हो लेकिन कहते हैं कि प्यार और इश्क की जंग में सब जायज है. जब इश्क बेहद और बेपनाह हो तो अंजाम कहां अजली और चंद्रशेखर जैसे लोग सोचते हैं!
रिपोर्ट - अंजनी कुमार कश्यप