DARBHANGA : दरभंगा में एयरपोर्ट की सुविधा शुरू हुए तीन साल का भी समय पूरा नहीं हुआ है और इसने कामयाबी के नए आसमान पर पहुंच गई है। अपने 33 महीने के सफर में दरभंगा एयरपोर्ट ने मुनाफा कमाने के मामले में दरभंगा एयरपोर्ट पटना और भुवनेश्वर जैसे बड़े एयरपोर्ट को भी पीछे छोड़ दिया है। यह बात खुद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा कही गई है। स्थिति यह है कि एयरपोर्ट बनने के बाद इसकी विदेशों में बसे भारतीयों के बीच भी होने लगी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पटना एयरपोर्ट से एक विमान में औसतन 125 से 130 यात्री करते हैं, जबकि दरभंगा एयरपोर्ट से अमूमन 150 से अधिक यात्री करते हैं।
आठ नवंबर, 2020 को विमान सेवा शुरू होने के बाद से ही दरभंगा एयरपोर्ट लगातार सफतला के नए प्रतिमान गढ़ रहा है। यह स्थिति तब है जबकि जाड़े के मौसम में लो विजिबिलिटी के कारण कई उड़ानों को रद्द करना पड़ता है।
दरभंगा एयरपोर्ट बनने से न सिर्फ जिले के लोगों को फायदा मिल रहा है, बल्कि उत्तर बिहार के लगभग एक दर्जन जिले के लोगों को भी अब आने जाने में सहूलियत होने लगी है।देश विदेश में बसे मिथिलांचल के लोग खुश हैं। उन्हें अब घर आनाआसान हो गया है।
दरभंगा एयरपोर्ट की कामयाबी से केवल यहां के लोग ही नहीं, बल्कि आसपास के एक दर्जन जिलों के यात्री हर्षित हैं। बड़ी संख्या में विदेश में रहनेवाले मिथिलांचल के लोग बेहद खुश हैं। उन्हें अब घर आनाआसान हो गया है। दिल्ली और मुंबई से ट्रेनों को लंबी एवं थका देने वाली यात्रा से छुटकारा मिल गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पटना एयरपोर्ट से एक विमान में औसतन 125 से 130 यात्री करते हैं, जबकि दरभंगा एयरपोर्ट से अमूमन 150 से अधिक यात्री करते हैं। इसके अलावा अलावा नेपाल के तराई क्षेत्र से भी लोग फ्लाइट पकड़ने दरभंगा पहुंच रहे हैं।