मवेशी तस्करों की गोली से शहीद हुए दारोगा नंद किशोर यादव को मिलेगा गैलेंट्री अवार्ड बिहार पुलिस हेडक्वार्टर ने की अनुशंसा

PATNA : बीते दिनों समस्तीपुर में जिस तरह मवेशी तस्करों को पकड़ने की कोशिश दारोगा नंद किशोर यादव की जिस तरह से गोली मारकर हत्या की गई थी। उसका गुस्सा अभी पूरी तरह से थमा नहीं है। परिवार अभी भी सदमे में हैं। वहीं शहीद दारोगा को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय ने बड़ा निर्णय लिया है। पीएचक्यू ने शहीद दारोगा का नाम गैलेंट्री अवार्ड के लिए केंद्र के पास अनुशंसित किया है।

पुएचक्यू के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि बलिदानी दारोगा ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपराधियों से लोहा लिया था। इसे देखते हुए स्थानीय आईजी और एसपी के स्तर से उनको गैलेंट्री अवार्ड के लिए अनुशंसित करने की कार्यवाही की जा रही है।

क्या है मामला

उजियारपुर थाना क्षेत्र शहबाजपुर गांव में मवेशी चोरों की सूचना पर छापेमारी करने पहुंचे मोहनपुर ओपी थानाध्यक्ष नंदकिशोर यादव को गोली मार दी गई थी। मवेशी चोरों ने उन्हें आंख के पास गोली मारी थी।

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थानाध्यक्ष को गंभीर स्थिति में दलसिंहसराय अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया था। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रेफर कर दिया गया था। इसके बाद बेगूसराय के निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। यह घटना 14 अगस्त की मध्यरात्रि में घटी थी।

नंदकिशोर यादव 2009 बैच के पुलिस अवर निरीक्षक थे

47 वर्षीय दारोगा नंदकिशोर यादव अररिया जिले के पलासी थाना क्षेत्र के राम करोड़ डेहरी गांव के निवासी थे। वर्ष 2009 में पुलिस अवर निरीक्षक के रूप में उनकी नियुक्ति हुई थी।

वह दलसिंहसराय थाने में एसआई (सब इंस्पेक्टर) के पद पर तीन माह तक तैनात रहे थे। दलसिंहसराय से ही उन्हें मोहनपुर में ओपी अध्यक्ष बनाकर भेजा गया था। पत्नी अमृता के अलावा उनके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं।