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अवैध उगाही व मारपीट के मामले में बुरी तरह फंसे नारदीगंज थाना के दारोगा रामकृपाल यादव की जमानत पर फैसला सुरक्षित

अवैध उगाही व मारपीट के मामले में बुरी तरह फंसे नारदीगंज थाना के दारोगा रामकृपाल यादव की जमानत पर फैसला सुरक्षित

NAWADA : नवादा अवैध उगाही व मारपीट के मामले में बुरी तरह फंसे नारदीगंज थाना के दारोगा रामकृपाल यादव व मदन प्रसाद सिंह तथा जमादार बड़े लाल यादव के अग्रिम जमानत आवेदन पर तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष संतोष कुमार तिवारी के न्यायालय में सुनवाई हुई । अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। 

इस दौरान आरोपितों की ओर से उपस्थित हुए अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पुलिस पदाधिकारियों ने अपने कर्तव्य का निर्वाह किया है। कांड के सूचक अजित कुमार उर्फ गुडू नारदीगंज थाना कांड संख्या 175/20 के अरोपित हैं। उन्होंने पुलिस बल पर हमला किया था। जिस घटना में तीन पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। बचने के लिये एक झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस पदाधिकारी को निर्दोष बताते हुए अग्रिम जमानत स्वीकृत किये जाने की अपील की गई। 

वर्दी का किया दुरुपयोग

वहीं अपर लोक अभियोजक दीपक कुमार ने बचाव पक्ष के दलीलों को खारिज करते हुए न्यायालय को बताया कि तीनों पुलिसकर्मी ने वर्दी का दुरुपयोग किया। तब के प्रभारी थानाध्यक्ष रहे रामकृपाल यादव ने अजित कुमार उर्फ गुड्डू की प्राथमिकी भी दर्ज नहीं किया। उच्च न्यायालय को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश पारित करना पड़ा। अनुसंधान की जिम्मेवारी सीआइडी को सौंपी गई। कांड में संलिप्त पुलिस कर्मियों ने बुरी तरह से सूचक की पिटाई किया। न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार के आदेश पर अजित कुमार की चिकित्सीय जांच में उनके शरीर पर कुल 13 जख्म पाये गए, जो अरोपितों की बर्बरता का सूचक है। 

इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय में भी जारी है। उन्होंने अग्रिम जमानत आवेदन को अस्वीकृत करने का निवेदन किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आदेश को सुरक्षित रख लिया। उल्लेखनीय है कि अदालत में पुअनि रामकृपाल यादव के अग्रिम जमानत आवेदन संख्या 1087/21 तथा अभियुक्त पुअनि मदन कुमार सिंह व सअनि बड़े लाल यादव के अग्रिम जमानत आवेदन संख्या -1133 / 21 पर सुनवाई की गई है। कांड के अनुसंधानकर्ता की नजर में तीनों पुलिस पदाधिकारी फरार चल रहे हैं।अनुसंधानकर्ता ने उन लोगों के विरूद्ध इश्तेहार की मांग की है। अनुरोध पत्र न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार की अदालत में दिया गया है। फिलहाल , अदालत के फैसले पर दोनों पक्षों की निगाहें है।

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