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देवघर पुस्तक मेला में नीतू नवगीत के लोकगीतों पर झूमे श्रोता, नटराज सम्मान से हुई सम्मानित

देवघर पुस्तक मेला में नीतू नवगीत के लोकगीतों पर झूमे श्रोता, नटराज सम्मान से हुई सम्मानित

DEOGHAR : 19 वें देवघर पुस्तक मेला में गुरुवार की शाम पुस्तक प्रेमियों ने संगीत संध्या का आनंद लिया. बिहार के प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने अनेक पारंपरिक लोक गीतों की प्रस्तुति करके लोगों को झुमाया. बाबा बैजनाथ हम आईल तोर दोहरिया, का ले के शिव के मनाईब हो शिव मानत नाहीं जैसे गीतों को बाबा बैजनाथ को समर्पित किया. 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म के 150 वें वर्ष की चर्चा करते हुए नीतू नवगीत ने गांधी जी को समर्पित गीत सत्य की राह दिखाए दियो रे लाठी वाले बापू पेश किया. उन्होंने गीतों के माध्यम से बेटियों को समाज में उचित सम्मान और उनकी उचित परवरिश देने की भी बात की. उन्होंने गणेश वंदना से अपने कार्यक्रम की शुरुआत की और उसके बाद पिपरा के पतवा डोले रे ना नदी वैसे डोले जियरा हमार रे छोटी ननदी, पटना से पाजेब बलम जी आरा के होठलाली छपरा से मंगा दे चुनरिया छींट वाली, कोयल बिना बगिया ना शोभे राजा सहित अनेक लोक गीतों की प्रस्तुति की. 

लोक गायिका नीतू कुमारी  नवगीत ने या रब हमारे देश में बिटिया का मान हो, जेहन में बेटों जितनी ही बेटी को शान हो, देखकर रामजी को जनक नंदिनी बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई, झूमर गीत, कजरी और होली गीतों की प्रस्तुति करके उपस्थित दर्शकों का मन मोहित कर लिया. पुस्तक मेला आयोजन समिति की ओर से नीतू कुमारी नवगीत को लोक कला में विशिष्ट योगदान के नटराज सम्मान प्रदान किया गया. 

लोक गायन से पहले पुस्तक मेला में कोलकाता की इनक्रेडिबल डांस एंड रिसर्च एकेडमी द्वारा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी पर आधारित नृत्य नाटिका का भव्य प्रदर्शन किया गया. भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और बंगाल के डीजीपी मृत्युंजय कुमार सिंह ने राष्ट्रीय परिचर्चा कार्यक्रम के अंतर्गत भारत की भाषा नीति और संस्कृति पर व्याख्यान दिया. साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए डीजीपी मृत्युंजय कुमार सिंह को साहित्यसेवी पुरस्कार प्रदान किया गया. 

मनोज कुमार की रिपोर्ट 



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