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बिहार सरकार के लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद नहीं सुधरी की देव की बदहाली, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

बिहार सरकार के लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद नहीं सुधरी की देव की बदहाली, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

AURANGABAD :औरंगाबाद में भगवान भास्कर की नगरी कहे जाने वाले देव में बिहार सरकार के द्वारा कार्तिक छठ और चैती छठ में लगने वाली मेला के दौरान लाखों रुपये जिला में भेजा जाता है। जिससे देश के कोने कोने से लाखों की संख्या में पहुँचने वाले छठ व्रतियों को सुविधा मुहैया कराया जा सके। ताकि किसी भी तरह का समस्या छठ व्रतियों को उत्पन्न न हो। जिसको लेकर जिला प्रशासन के द्वारा स्नान, शौचालय तथा मेडिकल की व्यवस्था जरूर कराई जाती है।

हालाँकि स्थानीय लोगों का कहना है की बिहार सरकार के द्वारा लाखों रुपए देव मेला के नाम पर आता तो जरूर है। लेकिन वह पैसा किस मद में खर्च की जाती है। यह आज तक समझ में नहीं आया। क्योंकि आज तक कुष्ट निवारण तालाब पर जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु अर्घ्य अर्पित करने तथा स्नान करने पहुंचते हैं। लेकिन उनके लिए जिला प्रशासन के द्वारा एक कपड़े बदलने तक का व्यवस्था नहीं किया गया है। 

वहीं ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया की देव में तालाब से लेकर मन्दिर तक पेजल हेतु नलकूप का व्यवस्था किया गया था। लेकिन आज वह सब बन्द पड़ा हुआ है। जिसे जिला प्रशासन आज तक उसकी मरम्मत करवा कर चालू नही करवा सका। जिसके कारण मेला के टाइम में पेयजल का भारी समस्या उत्पन्न हो जाता है। लेकिन जिला प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नही है।

वही ग्रामीणों ने यह भी बताया की एक दशक पहले तालाब के पास कुछ रुम कपड़ा बदलने हेतु बनाये गए थे। लेकिन आज वह रूम पेसाब घर बनकर रह गया है। जिसकी सफाई तक जिला प्रशासन के द्वारा नहीं कराया जा सका है। आखिर किन जगहों पर खर्च की जाती है पैसा जो अपने आप मे ग्रामीणों ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। हालाँकि देव मेला को आज राजकीय मेला की दर्जा प्राप्त हो गया है। जिसकी घोषणा आज मेला उद्घाटन के दौरान जिला के प्रभारी मंत्री आलोक मेहता ने किया है। लेकिन आज भी हालत बद से बदतर है। इसलिए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि जो भी यहां पर समस्या है। उसे तत्काल निष्पादित किया जाए। ग्रामीणों ने उत्पन्न समस्या को लेकर जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है।

औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट

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