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इंडी गठबंधन में बिखराव जारी, नेशनल कांफ्रेस ने भी किया जम्मू कश्मीर में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान, आप, टीएमसी पहले ही चुके हैं अलग

इंडी गठबंधन में बिखराव जारी, नेशनल कांफ्रेस ने भी किया जम्मू कश्मीर में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान, आप, टीएमसी पहले ही चुके हैं अलग

DESK : भारतीय जनता पार्टी ने अपना तुरुप का इक्का फेंककर विपक्षी गठबंधन को चारों खाने चित कर दिया है... इंडिया गठबंधन को कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि करें तो करें क्या... विपक्षी गठबंधन में शामिल नेताओं के भी हौसले पस्त हो गए हैं...लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. को लगातार झटके पर झटके लग रहे है...बिखरे हुए विपक्ष को एकजुट करने की सबसे पहले पहल करने वाले नीतीश कुमार के अलग होने के झटके से गठबंधन अभी उबरा भी नहीं था कि आरएलडी के जयंत चौधरी भी विपक्ष के लिए बेगाने हो गए...ये झटके तो पुराने हो गए... पिछले 24 घंटे में ही ऐसे 3 सियासी घटनाक्रम हो चुके हैं जो इशारा करते हैं कि विपक्ष की हालत कितनी खराब है... चलिए आपको इस रिपोर्ट में समझाने की कोशिश करते हैं कि इंडिया गठबंधन अब एनडीए के सामने कहां है और हाल ही में वह तीन घटनाक्रम क्या हुआ है...

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने ये कहकर चौंका दिया कि उनकी पार्टी लोकसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी और उन्हें बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए से भी कोई परहेज नहीं है। हालांकि, उनके इस बयान के बाद उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने सफाई दी कि नैशनल कॉन्फ्रेंस विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. का हिस्सा बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत अभी चल रही है। 

नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की 6 लोकसभा सीटों में से 3 सीटों पर लड़ना चाहती है। वह चाहती है कि कांग्रेस सिर्फ जम्मू रीजन की सीटों पर लड़े लेकिन ग्रैंड ओल्ड पार्टी जम्मू के साथ-साथ कश्मीर में भी एक सीट या फिर लद्दाख से भी चुनाव लड़ना चाहती है। वैसे भी विपक्षी गठबंधन अबतक कागजों में ही दिख रहा है। 

आप टीएमसी पहले ही दे चुके हैं झटका

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी ने कांग्रेस समेत बाकी पार्टियों को एक भी सीट नहीं देने का ऐलान कर रखा है। इसी तरह आम आदमी पार्टी ने पंजाब की सभी 13 सीटों पर लड़ने का एकतरफा ऐलान कर रखा है। इतना ही नहीं, पार्टी ने दिल्ली की 7 सीटों में से सिर्फ एक सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने का ऐलान किया है जो उसे मंजूर नहीं है

यूपी में कांग्रेस की स्थिति खराब

विपक्ष की सबसे बड़ी नेता और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा के बजाय राज्यसभा से संसद में जाने का फैसला किया है। राजस्थान से पर्चा भरने के अगले दिन उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र यूपी के रायबरेली की जनता के नाम एक बड़ा ही भावुक खत लिखा। उनके इस फैसले से रायबरेली में कांग्रेस के कार्यकर्ता निश्चित तौर पर निराश होंगे। इसीलिए सोनिया ने खत में उन्हें ये समझाने की कोशिश की कि स्वास्थ्य कारणों से वह लोकसभा चुनाव लड़ने में असमर्थ हैं। हालांकि, उन्होंने जिस तरह ये कहा कि रायबरेली के बिना उनका परिवार अधूरा है, उससे ये अटकलें जरूर लगने लगी हैं कि अब उनकी जगह पर उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं... यानी कि अब सोनिया गांधी की गद्दी उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा संभालेंगी.. रायबरेली की सीट कांग्रेस के लिए बेहद अहम है कांग्रेस इसे किसी भी हाल में छोड़ना नहीं चाहेगी। विरासत को संभालने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा को आगे आना होगा... 

सोनिया गांधी का रायबरेली से हटना सियासी लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे में कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। पूरे राज्य में लोकसभा की एक यही तो सीट थी जो कांग्रेस के खाते में थी। 2019 के चुनाव में यूपी में गांधी परिवार को एक और मजबूत गढ़ अमेठी कांग्रेस के हाथ से छिन चुका है। वहां राहुल गांधी को बीजेपी की स्मृति इरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 

यही वजह है कि सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने पर बीजेपी कह रही है कि उनको भी रायबरेली में '2019 के अमेठी' दोहराए जाने का डर था यानी हार का डर था। हालांकि, अगर प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली से लोकसभा का चुनाव लड़ती हैं तो वहां निराश कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश आ सकता है।

मध्य प्रदेश में कमलनाथ दे सकते हैं झटका

यूपी की तरह मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस को झटका लगने जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की पिछले कुछ समय से बीजेपी के साथ जाने की चर्चा तेज हो गई है। आज इस चर्चा को तब और बल मिला जब कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के कांग्रेस की तस्वीर हटा दी। बताया जा रहा है कि वह भाजपा के साथ अपनी नई सियासी पारी शुरू कर सकते हैं। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि बेट के साथ पिता भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

 इस तरह से विपक्षी गठबंधन पूरी तरह से अभी तक फ्लॉप साबित हुआ है यह फिल्म रिलीज होने से पहले ही फ्लॉप हो गई है... यही वजह है कि अकेले राहुल गांधी न्याय यात्रा निकालकर गठबंधन को मजबूत करने में लगे।

रिपोर्ट - आशिफ खान

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