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ई रिक्शा से विष्णुपद इलाके में पहुंचे गया डीएम, तीर्थस्थल को नो पॉल्यूशन जोन बनाने का किया अपील, श्रद्धालुओं ने कहा- नहीं हो रही कोई परेशानी

ई रिक्शा से विष्णुपद इलाके में पहुंचे गया डीएम, तीर्थस्थल को नो पॉल्यूशन जोन बनाने का किया अपील, श्रद्धालुओं ने कहा- नहीं हो रही कोई परेशानी

GAYA: देश विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों से पितृपक्ष मेला अवधि में विष्णुपद मंदिर के परिधि में काफी भीड़ बनी रहती है। तीर्थ यात्रियों को भारी जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। इस वर्ष तीर्थ यात्रियों की सुविधा तथा आम जनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विष्णुपद मंदिर के परिधि को नो हॉर्न, नो विकिल ज़ोन तथा नो पॉल्यूशन जोन बनाया गया है। विष्णुपद मेला क्षेत्र में आने वाले वाहनों को चांद चौरा मोड पर ही रोका जाएगा साथ ही बंगाली आश्रम से विष्णुपद मेला क्षेत्र में आने के लिए बंगाली आश्रम के पास ही वाहन को रोका जाएगा। तमाम पदाधिकारियों तथा आम श्रद्धालुओं को पैदल अथवा जिला प्रशासन द्वारा मुहैया कराए गए पर्याप्त निशुल्क ई -रिक्शा के माध्यम से ही चांद चौरा से विष्णुपद तथा बंगाली आश्रम से विष्णुपद आ जा सकेंगे। यह व्यवस्था तीर्थ यात्रियों के हित में किया गया है ताकि तीर्थ यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या का सामना करना ना पड़े। विष्णुपद मंदिर के समीप वाहनों को पूरी तरह प्रतिबंध रखा गया है।

डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम द्वारा आज स्वयं चांद चौरा से विष्णुपद मेला क्षेत्र से ई-रिक्शा के माध्यम से पहुंचे तथा वापस फिर ई-रिक्शा के माध्यम से ही विष्णुपद से चांद चौरा प्रस्थान किए। डीएम ने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि आप सभी अति विशिष्ट गणमान्य व्यक्ति/ वरीय पदाधिकारी तथा अन्य पदाधिकारी/ व्यक्ति आप सभी तीर्थ यात्रियों के हित में तथा तीर्थयात्रियों को कोई असुविधा ना हो इसे लेकर के विष्णुपद क्षेत्र में ई रिक्शा के माध्यम से अथवा पैदल आवागमन करे, ताकि विष्णुपद क्षेत्र का परिधि पूरी तरह नो हॉर्न, नो विकिल ज़ोन तथा नो पॉल्यूशन जोन बना रहे। ज़िला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि चांद चौरा से विष्णुपद एवं विष्णुपद से बंगाली आश्रम तक तीन शिफ्ट में 60 निशुल्क ई रिक्सा रखा गया है। इसके अलावा प्रेतशिला पार्किंग पॉइंट्स से प्रेतशिला मंदिर तक अति बुजुर्ग तीर्थयात्रियों के लिये भी पर्यपत ई रिक्सा रखा गया है। इसके अलावा गया रेलवे स्टेशन पर स्टेशन से किसी भी पिंड स्थल जाने के लिए ईक्षा जाहिर करेंगे तो उन्हें निशुल्क ई रिक्सा के माध्यम से परिवहन व्यवस्था दी जाएगी।

बता दें कि, विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला-2023 का आज दूसरा दिन है। पितृपक्ष मेला के दूसरे दिन मोक्षदायिनी फल्गु नदी एवं देवघाट पर पिंडदान करने का महत्व है। इसे लेकर देश के दूसरे राज्यों से आए हजारों की संख्या में पिंडदानी फल्गु नदी और देवघाट पर पितरों की मोक्ष कामना को लेकर पिंडदान कर्मकांड कर रहे हैं। तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। जगह-जगह पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। तीर्थयात्रियों को कहीं कोई समस्या ना हो, इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा जगह-जगह शिविर लगाए गए हैं। जिनके माध्यम से उनकी मदद की जा रही है।

वहीं स्थानीय पंडा पुरुषोत्तम कुमार मिश्रा ने कहा कि पितृपक्ष मेला के दूसरे दिन फल्गु नदी और देवघाट पर पिंडदान करने का प्रावधान है। जहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जिस तरह से गंगा नदी पवित्र मानी जाती है। इस तरह से फल्गु नदी भी पवित्र मानी जाती है। फल्गु नदी को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है। पितृपक्ष में फल्गु नदी के जल से तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पूरे देश दुनिया से आए तीर्थ यात्री गया जी पहुंच रहे हैं और पितरों की आत्मा की शांति को लेकर पिंडदान कर रहे हैं।

वहीं कोलकाता से आए तीर्थयात्री शुभाशीष घोषाल ने कहा कि अपने माता-पिता का पिंडदान करने के लिए गयाजी पहुंचे हैं। गयाजी में पिंडदान करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है। गयाजी के बारे में हमने काफी सुना था, जिसके बाद आज यहां पहुंचे हैं और अपने माता-पिता की आत्मा की शांति को लेकर पिंडदान कर्मकांड रहे हैं। यहां प्रशासन ने भी काफी अच्छी व्यवस्था की है। कहीं किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। बेहतर साफ-सफाई की व्यवस्था है। सूचना के लिए भी शिविर लगाया गया है, जिसके माध्यम से आवश्यक जानकारियां हमलोगों को मिल रही है। 

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