GOPALGANJ : जिले में इन दिनों किसानों के चेहरे मायूसी से लदे हुए हैं। बारिश न होने के कारण खेतों में दरारें पड़ गई हैं और धान के पौधे सूखने लगे हैं। किसानों को सूखे की आशंका सता रही है। साथ ही बारिश के अभाव में धान की फसल खराब होने का खतरा मंडरा रहा है। किसानों ने बताया कि पिछले 25 दिनों से बारिश नहीं हुई है। जिसके कारण खेतों में पानी की कमी हो गई है। धान के पौधे सूख रहे हैं और किसानों को फसल बर्बाद होने की चिंता सता रही है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही बारिश नहीं हुई तो उनकी पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। सरकार से किसानों ने सिंचाई की उचित व्यवस्था करने और सूखे से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की है। हालांकि कृषि विभाग किसानों को डीजल अनुदान देने के लिए द्वारा घोषणा कर दी गई है। दरअसल सावन के महीने में वैशाख जैसी तपिश से सुखाड़ का साया मंडरा रहा है। विगत 25 दिनों से बारिश नहीं हो रही है। आसमान में काले-उजले बादल मंडरा रहे हैं। लेकिन, बारिश होने का नाम नहीं ले रही है। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक तेज धूप से जनजीवन बेहाल रहा।
कृषि विभाग के आंकड़ों में अब तक 78 हजार हेक्टेयर हुई रोपनी
कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार धान की रोपनी करने का लक्ष्य 902455.8 हजार हेक्टेयर में रखा गया था। जिसमें कुल आच्छादन 78000 हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है। हालांकि किसानों का मानना है कि अब भी 50 प्रतिशत किसान धान की रोपनी बारिश के अभाव में नहीं कर सके हैं। धान के खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें फट रही हैं।
खेतो से नमी हुई गायब सुख रहे है बिचड़े
पिछले पंद्रह दिनों में दो पटवन करने के बाद भी खेतों में नमी नहीं है। ऊपरी भूमि में नमी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। रोपे गए धान के पौधे झुलस व सूख चुके हैं, धान के बिचड़े खराब हो रहे हैं। ऐसे में 78 हजार हेक्टेयर में रोपे गए धान के पौधे पर असर पड़ने लगा है। कुछ किसान निजी पम्पी सेट से धान के पटवन कर धान के पौधे बचाने की कोशिश में लगे है वही कुछ किसान के खेतो मे दरारें पड़ गए है धान के पौधे सूखने लगे है।
75 रुपये प्रति लीटर किसानों को मिलेगा डीजल अनुदान
जिले में बारिश की संकट से जूझ रहे किसानों के लिए सरकार द्वारा डीजल अनुदान देने की भी घोषणा की गई है। विभाग के अनुसार डीजल अनुदान की राशि किसानों के खाते में जाएगी। डीजल अनुदान का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना है। इसके लिए किसान किसी भी वसुधा केंद्र, साइबर कैफे जहां थंब इंप्रेशन की सुविधा हो या सीएसपी पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। कृषि विभाग के अनुसार किसानों को प्रति लीटर 75 रुपये और अधिकतम एक पटवन के लिए 750 रुपये अनुदान की राशि मिलेगी।
क्या कहते है किसान
किसान रेयाजुद्दीन अहमद ने बताया कि दो एकड़ में धान के पौधे बटईया पर लेकर लगाए थे। ताकि कुछ आमदनी हो सके। कर्ज लेकर धान की रोपनी किए थे। यह सोच कर कि बेटी की शादी और घर का खर्च निकल सके। हालात इसी प्रकार रहे तो लागत पूंजी भी नहीं निकलेगा। लेकिन खेत में फटे दरार को देख कर कुछ समझ में नहीं आ रहा है। फटे खेत को देखकर कलेजा फटा जा रहा है। ऐसा मन कर रहा है कि सिर पीट पीट कर रोए। मै मजबूर हूं क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा है। ये वाक्या सिर्फ रेयाजुद्दीन का ही नहीं बल्कि कमोवेश हर किसानों की यही स्थिति बनी हुई है।
कृषि पदाधिकारी बोले
वही कृषि पदाधिकारी भूपेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि इस बार अपेक्षा से कम बारिश हुई है। जुलाई माह में 314.10 एमएम बारिश होनी थी। लेकिन 259.74 एमएम बारिश भी हुई है। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त तक धान की रोपनी करने का समय है। अभी तक कुल 86.44 प्रतिशत आच्छादन हुआ है। वैसे किसान जो निजी पम्प सेट से खेतो की रोपनी किए है। वे डीजल अनुदान के लिए आवेदन कर सकते है।
गोपालगंज से मनान अहमद की रिपोर्ट