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इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनावाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने SBI को फिर लगाई फटकार, यूनिक नंबर का करे खुलासा, देनी होगी हर जानकारी

इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनावाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने SBI को  फिर लगाई फटकार, यूनिक नंबर का करे खुलासा, देनी होगी हर जानकारी

DESK: इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान एक बार फिर एसबीआई को फटकार लगाई है। अदालत की संविधान पीठ ने इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक नंबर का खुलासा करने को लेकर सुनवाई करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को फटकार लगाई। साथ ही एसबीआई को हर जरूरी जानकारी देने का आदेश दिया है। वहीं एसबीआई ने कहा है कि उसे बदनाम किया जा रहा है। 

यूनिक नंबर जारी करे SBI

बता दें कि, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की संवैधानिक पीठ ने इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक नंबर को लेकर सोमवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एसबीआई की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे से कहा कि हमने पूरा ब्यौरा देने को कहा था, लेकिन एसबीआई ने चुनिंदा जानकारी दी है। वह ऐसा नहीं कर सकती है। इस पर साल्वे ने कहा कि हम सारी जानकारी देने को तैयार हैं। 

हमें बदनाम किया जा रहा - SBI 

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप हर बात के लिए हमारे आदेश का इंतजार नहीं कर सकते कि कोर्ट जो कहेगा, वही हम करेंगे। आपको आदेश समझना चाहिए था। इस पर हरीश साल्वे ने कहा कि एसबीआई के बारे में गलत छवि बनाई जा रही है। हम साफ करना चाहते हैं कि आदेश में क्या लिखा था। हमने समझा कि बॉन्ड की तारीख, बॉन्ड खरीदने वाले का नाम, राशि और कैश करवाने वाले का ब्यौरा देने के लिए कहा गया है। 

बॉन्ड नंबर देने में कोई परेशानी नहीं

सुनवाई के दौरान साल्वे ने कहा कि चूंकि राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग को बताना था कि उन्हें किसने कितना चंदा दिया और यह जानकारी सील लिफाफे में कोर्ट को भी दी गई थी, इसलिए यह जानकारी सामने आ ही जानी थी। उन्होंने कहा कि अगर बॉन्ड नंबर देना है, तो हम दे ही देंगे। इसमें हमें कोई समस्या नहीं है। 

21 मार्च तक दायर करे हलफनामा

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई पर सख्ती जताते हुए कहा कि एसबीआई 21 मार्च को एक हलफनामा भी दायर करना होगा जिसमें बताना पड़ेगा कि उसने पास में उपलब्ध कोई जानकारी छिपाई नहीं है। इसके अलावा तुरंत चुनावी बॉन्ड के नंबर चुनाव आयोग को दे दिए जाएं जिससे उन्हें वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके। कोर्ट ने कहा, एसबीआई को हर जानकारी शीर्ष न्यायालय को देनी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर चीज के लिए हमारे आदेश पर निर्भर रहना ठीक नहीं है।  

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