एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को है भगवतगीता की जरुरत, स्कूल सिलेबस का भी हो हिस्सा

डेस्क... खबर बॉलीवुड से है जहां मौनी रॉय का मानना है कि भगवद्गीता को स्कूल के सिलेबस में शामिल किया जाना चाहिए. उनके मुताबिक, इसमें जिंदगी के हर सवाल का जवाब है. उन्होंने यह भी कहा कि इसकी जरूरत सिर्फ स्कूल या भारत को नहीं, बल्कि दुनियाभर को है. 35 साल की मौनी ने इस दौरान एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को तनावपूर्ण बताया और कहा कि इसे गीता की बहुत जरूरत है.उन्होंने आगे कहा "मैं बचपन में भगवद्गीता का सार पढ़ा था, लेकिन अब तक इसे समझ नहीं पाई थी. मेरी एक फ्रेंड ने भगवद्गीता पढ़नी शुरू की और लॉकडाउन से पहले मैंने भी वह क्लास अटेंड की हेक्टिक शेड्यूल की वजह से मैं ज्यादा क्लास अटेंड नहीं कर पाई.

लेकिन लॉकडाउन के दौरान मैं बहुत धार्मिक थी. मुझे लगता है कि इसे स्कूल सिलेबस का हिस्सा होना चाहिए. मेरे हिसाब से यह धार्मिक किताब से बढ़कर है. यह जिंदगी का सार, शाश्वत और बुनियादी ज्ञान है. अगर आपके दिमाग में कोई सवाल है तो गीता में उसका जवाब है." मौनी आगे कहती हैं, "हम अज्ञानता में रहते हैं और असल में हम वेदों और उपनिषदों के देश से आते हैं, फिर भी कुछ नहीं करते, हम सोने की खदान पर बैठे हैं और इसे लेकर कुछ नहीं करते एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री तनावपूर्ण जगह है. आपके पास शनिवार और रविवार, 9-5 जॉब का कॉन्सेप्ट नहीं है और हम लगातार अपने मन और विचारों में खोए रहते हैं.

 इसलिए यकीनन यहां गीता की बहुत जरूरत है लेकिन मुझे लगता है कि फिर चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो, शहरी इलाके हों या फिर महानगर हों, सभी को गीता के उपदेशों की सख्त जरूरत है."कुछ लोगों के सामने गीता खुली हुई रह जाती पर और वो उसको समझ नहीं पाते वैसे भी कहा गया है गीता सब के समाज में इतने आसानी से नहीं आती है.