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सीमांचल में बदलता समीकरण : मुसलमानों को अपनी करने की कोशिश में एनडीए, तो सवर्णों को रिझाने में जुटा महागठबंधन

सीमांचल में बदलता समीकरण : मुसलमानों को अपनी करने की कोशिश में एनडीए, तो सवर्णों को रिझाने में जुटा महागठबंधन

NEWS4NATION DESK : बिहार की राजनीति में संप्रदाय और जात के समीकरण का खेल काफी गहरा रहा है। प्रदेश में संप्रदाय और जात के नाम पर दल और उनके नेताओं की जीत-हार का फैसला होता रहा है। बिहार में एकओर जहां कांग्रेस और 15 सालों तक प्रदेश की सत्ता पर काबिज रही राजद का मुसलमानों और पिछड़े वर्ग का साथ मिलता रहा है वहीं एनडीए खासकर बीजेपी को हमेशा से सवर्ण वोटरों पर ज्यादा विश्वास रहा है। लेकिन इस चुनाव में समीकरण कुछ बदलता नजर आ रहा है। 

प्रदेश का सीमांचल क्षेत्र मुसलमान और पिछड़ा बहुल है। इस क्षेत्र में किसी भी दल या प्रत्य़ाशी की जीत-हार में मुसलमान और पिछड़े वर्ग की अहम भूमिका होती है। इसबार इस इलाके के ज्यादातर सीट एनडीए के घटक जेडीयू के खाते में गई है। 

मुसलमान और पिछड़ा बहुल इलाका होने के बाद भी यहां का चुनावी समीकरण इसबार बदला-बदला सा है। सवर्ण के सहारे अपनी जीत को सुनिश्चित मानने वाली एनडीए इसबार यहां मुसलमानों को अपनी ओर करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं महागठबंधन यहां सवर्णों को अपनी ओर करने की कोशिश में लगी है। 

एनडीए और महागठबंधन दोनों की ही तरफ से धर्मनिरपेक्ष राजनीति को स्टैंड बनाया गया है। इस इलाके में मुसलमानों की तादाद अच्छी-खासी है। ऐसे में यहां पर बीजेपी की बजाए जेडीयू ही ज्यादा सक्रिय नजर आ रही है। वहीं बीजेपी ने अपने हिंदुत्व के स्टैंड में इस इलाके में ढील दी हुई है।

वहीं मुसलमानों और पिछड़ों को अपना कैडर वोटर मानने वाली कांग्रेस और राजद इसबार यहां सवर्णों को अपनी ओर करने में लगी है। 
 
 सीमांचल में जारी इस सियासत को लेकर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का दावा है कि बीजेपी-जेडीयू मिलकर सीमांचल में सवर्ण और मुस्लिम वोट बटोरने में उनके रहते कारगर नही होंगे। दूसरी ओर जेडीयू की ओर से आरसीपी सिंह ने किशनगंज की सियासत में पिछले दो दिनों तक काफी माथापच्ची की है। किशनगंज में जेडीयू की कोशिश है कि कांग्रेस का वोटबैंक समेट लिया जाए। जबकि कांग्रेस का प्लान है पूर्णिया और कटिहार में बीजेपी के सवर्ण वोटबैंक को खिसका दिया जाए। 

बता दें कि किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार में दूसरे चरण में चुनाव होना है। यहां 18 अप्रैल को वोटिंग होगी।

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