पटना. आजादी के 75 साल बाद भी नदियों से घिरे कटिहार जिला में आज भी कई इलाके में लोगों को एक जगह से दूसरी जगह तक जाने के लिए चचरी पुल का सहारा लेना पड़ता है और इसके लिए लोगों को टैक्स देना पड़ता है। साथ ही सुरक्षा के लिहाज से भी चचरी पुल सुरक्षित नहीं है। कभी भी बड़ा हादसा की आशंका बनी रहती है।
ऐसा नहीं है कि कटिहार में विकास को लेकर पुल-पुलिया नहीं बना है, लेकिन कई इलाके खासकर बिहार और बंगाल को जोड़ने वाले बारसोई प्रखंड के शिकारपुर पंचायत स्थित नागर नदी पर बने चचरी पुल इस जिले के लोगों के लिए विकास पथ को अवरुद्ध कर रखा है। स्थानीय लोग कहते हैं कि इस इलाके से बड़ी संख्या में लोग रोज इसी चचरी पुल को पार करते हुए बिहार से बंगाल और बंगाल से बिहार की दूरी तय करते हैं। लोगों को पैदल से लेकर साइकिल और मोटरसाइकिल से इस चचरी पुल के माध्यम से पार करने के लिए 5,10 और 20 रुपया तक टैक्स देना पड़ता है।
वहीं जिला में विकास के बीच चचरी पुल को लेकर परेशानी पर पूर्व सांसद तारीक अनवर कहते हैं कि इसमें सिर्फ राज्य सरकार नहीं, बल्कि केंद्र सरकार को भी पहल करनी चाहिए ताकि ऐसे पुल-पुलिया का निर्माण जल्द किया जा सके। वर्तमान सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने कहा कि लगातार जिला में पुल पुलिया निर्माण का कार्य हो रहा है। ऐसे में बहुत जल्द इन इलाकों में भी नदियों पर पुल पुलिया निर्माण करवाया जाएगा।