पटना. सियासत में भले ही कोई किसी का सगा दोस्त या दुश्मन नहीं होता लेकिन प्रतिद्वंद्वी राजनेता से मिला झटका ताउम्र याद रहता है. कुछ ऐसा ही भाजपा के साथ हो रहा है. बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू अब एनडीए का हिस्सा हो चुकी है. नीतीश कुमार ने नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और भाजपा से भी सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं. इन सबके बाद भी पिछले करीब डेढ़ वर्ष में नीतीश कुमार की पहल पर विपक्षी दलों ने भाजपा को हराने की जो जुगत की उसके लिए अभी भी बीजेपी को नीतीश वाला दर्द हो रहा है. स्थिति है कि नीतीश कुमार अब एनडीए में आ चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें बधाई देते हैं. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह में आते हैं लेकिन नीतीश कुमार ने जो चुनौती बीजेपी को दी थी उसे पार्टी आज भी याद रखे है.
भाजपा का यह दर्द मंगलवार को सामने दिखा. अगस्त 2022 में नीतीश कुमार जब एनडीए से अलग हुए थे तभी उन्होंने विपक्षी दलों को जोड़ने की कवायद शुरू की थी. उनकी पहल पर जून 2023 में पटना में पहली बार विपक्षी दल जुटे और फिर अगली बैठकों के बाद इंडिया गठबंधन बना. हालांकि भाजपा इसे इंडी अलायंस कहती है. भाजपा के शब्दों में कहें तो अब नीतीश कुमार के इस इंडी अलायंस से अलग हो चुके हैं. इसके साथ ही भाजपा बता रही है कि इंडी अलायंस की बत्ती गुल हो गई है. इसे लेकर अपने सोशल इडिया पर भाजपा ने एक वीडियो भी जारी किया है. 12 सेकेंड के इस वीडियो ने भाजपा के निशाने पर कांग्रेस है लेकिन अतीत को याद करते इस वीडियो में निशाने पर नीतीश भी आ गए हैं. उनका चेहरा दिखाते हुए बताया जा रहा है कि कैसे इंडी अलायंस का गठन करना विपक्ष के लिए उचित नहीं रहा और अब उसकी बत्ती गुल है.
वीडियो में कांगेस नेता राहुल गांधी की तस्वीर को केंद्र में रखते हुए एक और जदयू से नीतीश कुमार, आप के अरविंद केजरीवाल और टीएमसी की ममता बनर्जी की तस्वीरों को रखा गया है. वहीं राहुल की दूसरी तरह समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव और नेशनल कांफ्रेस के उमर अब्दुल्ला की तस्वीरें हैं. वीडियो के आरंभ में दिखाया गया है कि I.N.D.I. अलायंस की शुरुआत और सभी नेताओं की तस्वीर. वहीं वीडियो के बीच दिखाया जाता है कि सभी नेताओं के माथे पर बल्ब जल रहा है. लेकिन, एक एक कर नीतीश, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी के माथे पर जलते बल्ब की बत्ती गुल हो जाती है. वहीं अखिलेश और उमर के माथे पर बल्ब ही टिमटिमा रहा है. यानी राहुल इस इंडी अलायंस में अकेले बच जाएंगे उस ओर इशारा करते हुए अन्य दलों पर कटाक्ष किया गया है. ऐसे में भाजपा ने राहुल को घेरने के बहाने नीतीश को भी आइना दिखा दिया है कि आपकी पहल गलत थी.
दरअसल, ममता बनर्जी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी. यानी वह इंडिया गठबंधन से अलग हो चुकी है. वहीं अरविंद केजरीवाल की पार्टी भी दिल्ली और पंजाब में उसी रास्ते पर है. नीतीश कुमार तो अब जदयू को एनडीए के हिस्सा बना चुके हैं. दूसरी ओर अखिलेश और उमर के कदम भी इंडिया से अलग होते दिख रहे हैं. इसी बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर निशाना साधते हुए भाजपा की ओर नीतीश कुमार सहित अन्य सभी नेताओं को दिखाया गया है कि आपकी बत्ती गुल हो गई है.