AURANGABAD : पटना हाईकोर्ट में औरंगाबाद के पुलिस के मनमानी रवैये के मामलें पर सुनवाई की गयी। जस्टिस सत्यव्रत वर्मा के समक्ष औरंगाबाद पुलिस की ओर से डीएसपी ने बताया कि याचिकर्ताओं के विरुद्ध इश्तेहार के आवेदन को वापस लिया जायेगा।
कोर्ट ने आज एसपी ,औरंगाबाद व आईओ को कोर्ट में उपस्थित हो कर जवाब देने का निर्देश दिया था। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण एसपी, औरंगाबाद नही आ पाये। डीएसपी और आईओ ने कोर्ट में उपस्थित रह कर जवाब दिया। कोर्ट ने सोनी गुप्ता व विनोद प्रसाद की अग्रिम जमानत हेतु अर्जी पर सुनवाई की। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि जब तक इस मामले का इस कोर्ट द्वारा अंतिम रूप से निपटारा नहीं हो जाता है, तब तक आवेदकों के विरुद्ध इस मामले में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी।
ये मामला औरंगाबाद के सीजेएम के अदालत में लंबित है। आवेदकों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 406, 420, 120(बी) और 504 कि धाराओं में 14 नवंबर, 2022 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आवेदकों के अधिवक्ता विकास कुमार पंकज ने बताया कि इस मामले में सत्र न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी पर रोक लगाने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों पर दवाब बनाने के लिए इश्तेहार का आवेदन दिया था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रावधानों के अनुसार सात वर्षों की कम की सजा होने के मामलें में पुलिस को गिरफ्तारी के पूर्व नोटिस देना होता है और कारण बताना होता है।
वापस लिए जाएंगे इश्तेहार
औरंगाबाद पुलिस के द्वारा ये आश्वासन देने के बाद कि याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध इश्तेहार देने के आवेदन को वापस लिए जाएंगे, कोर्ट ने चेतावनी देते हुए मामले को निष्पादित कर दिया।