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CM से मंत्री भी हैं परेशान ! दो खास मंत्री 'नीतीश कुमार' पर रखे थे नजर, फिर भी खबर बन गए मुख्यमंत्री , सेक्स ज्ञान के बाद अब दलित नेता व पूर्व CM को भरी सभा में किया अपमानित

CM से मंत्री भी हैं परेशान ! दो खास मंत्री 'नीतीश कुमार' पर रखे थे नजर, फिर भी खबर बन गए मुख्यमंत्री , सेक्स ज्ञान के बाद अब दलित नेता व पूर्व CM को भरी सभा में किया अपमानित

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विवादों में घिरते जा रहे हैं. पहले विधानमंडल में सेक्स ज्ञान देकर अपनी भद्द पिटवा ली, अब एक दलित नेता व पूर्व मुख्यमंत्री को तू-तड़ाक कर रही सही कसर पूरी करा ली. हालांकि आज जेडीयू खेमे के मंत्री अपने नेता नीतीश कुमार को लेकर सदन में सचेत दिख रहे थे. फिर वे लोग नीतीश कुमार को विवादों के दलदल में जाने से रोक न सके. 

दो मंत्री थे चौकन्ने..फिर भी नीतीश ने पिटवा ली भद्द 

बिहार विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर आगबबूला हो गए. उन्होंने सदन में ही मांझी को बेइज्जत कर दिया. तू-तड़ाक कर दिया. उम्रदराज मांझी को भरी सदन में कहा कि तुमको हमने ही मुख्यमंत्री बनाया है. मेरी गलती की वजह से तुम मुख्यमंत्री बने हो. अब अपने आप को पूर्व मुख्यमंत्री कहते हो ? हालांकि दो दिन पूर्व की घटना को लेकर नीतीश कुमार के खासम खास मंत्री सचेत थे कि कहीं फिर से किसी विवाद में न फंस जाएं और माफी मांगनी पड़े. इसीलिए आरक्षण बिल पर बोलने के दौरान जेडीयू कोटे के मंत्री विजय चौधरी और संजय झा सीएम नीतीश पर निगाह रखे थे. खैर...आरक्षण बिल पर बोलने के दौरान तो सब कुछ ठीक रहा. नीतीश कुमार रास्ते से नहीं भटके. 

विजय चौधरी-संजय झा ने संभाली कमान..फिर भी कंट्रोल नहीं 

जैसे ही जीतनराम मांझी ने जातीय गणना पर सवाल खड़ा किया, मुख्यमंत्री आग-बबूला हो गए. मंत्री विजय चौधरी अभी संभल पाते कि गुस्से से लाल सीएम नीतीश बोलने के लिए खड़े हो गए। फिर जो कुछ हुआ वह सबके सामने है. मुख्यमंत्री क्या से क्या बोलते जा रहे थे...मंत्री विजय चौधरी रोकने की भरसक कोशिश करते रहे. लगातार कह रहे थे कि बैठ जाइए, मत बोलिए. फिर भी वे नहीं मान रहे थे. मुख्यमंत्री के ठीक पीछे मंत्री संजय झा बैठे थे, वे भी पीछे से सीएम नीतीश के पास आकर बैठाने की कोशिश करते रहे. लेकिन वे मानने को तैयार ही नहीं हो रहे थे. वरिष्ठ मंत्री बिजेन्द्र यादव ने भी मुख्यमंत्री से बैठने को कहा. खैर कुछ देर के बाद नीतीश कुमार अपनी सीट पर बैठे. बीजेपी सदस्यों ने जब पूर्व सीएम का पक्ष लिया तो एक बार फिर से नीतीश कुमार आग बबूला हो गए और मांझी को लेकर भाजपा को सुनाने लगे. नेता प्रतिपक्ष को अब तू-तड़ाक करने लगे. साथी मंत्रियों ने फिर से रोकने की कोशिश की, लेकिन नहीं माने. तीसरी दफे मांझी के समर्थन में भाजपा सदस्य जब वेल में पहुंच गए तो नीतीश कुमार सीट पर बैठे-बैठे ही उलझ गए। इस दौरान भी विजय चौधरी और संजय झा उन्हें रोकने की भरपूर कोशिश की. विवाद बढ़ता देख अध्यक्ष ने सदन को स्थगित कर दिया. 

जातीय गणना पर सवाल उठाकर मांझी ने सीएम नीतीश को किया अनकंट्रोल 

 दरअसल, बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव के पास होने के बाद जीतन राम मांझी सदन में बोल रहे थे. इसी दौरान उनकी बातों को सुनते ही नीतीश गुस्से में आ गए. उन्होंने कहा कि मंझी अब भाजपा की ओर भाग गए हैं. इसको कुछ समझ में आता है. भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप लोग के पीछे घूम रहा है और यह गवर्नर बनना चाहता है इसको गवर्नर बनवा दीजिए.  इस दौरान गुस्साए नीतीश को शांत कराने के लिए बार विजय चौधरी बोलते नजर आए. 

दरअसल, बिहार विधान सभा में गुरुवार को सर्व सम्मति से आरक्षण बढ़ाने का विधेयक पास हो गया. विधानसभा में आरक्षण विधेयक प्रभारी मंत्री विजय चौधरी ने किया पेश किया जिसके तहत आरक्षण के मौजूदा 50 प्रतिशत को बढ़ाकर अब 65 प्रतिशत कर दिया गया है. विधेयक को सत्ताधारी गठबंधन जदयू, राजद, कांग्रेस और वाम दलों के साथ ही विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिया. 

सरकार की और से विधेयक पर सफाई देते हुए कहा गया कि इस अधिनियम से 65 फीसदी ही आरक्षण दिया जा सकता है. वहीं भाजपा विधायको ने अति पिछड़ों को और अधिक आरक्षण देने की मांग की. बीजेपी विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने पार्टी की ओर से इस मांग को रखा. 7 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में आरक्षण को 65 प्रतिशत तक करने के सुझाव दिया था जिसके बाद उसी शाम कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई. अब इसे विधानसभा से पास कर दिया गया है. 

प्रस्ताव के अनुसार अब 65 फीसदी आरक्षण के फॉर्मूला में SC समुदाय के 16 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा. वहीं एसटी के एक फीसदी आरक्षण से बढ़ाकर 2 फीसदी किया जाएगा. वहीं EBC (अत्यंत पिछड़ा) और OBC को मिलाकर अब 43 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. साथ ही EWS के 10 फीसदी को मिलाकर आरक्षण 75 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया.

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