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बिहार में एक्सप्रेसवे परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार, मुख्य सचिव ने दिए ये खास निर्देश

बिहार में एक्सप्रेसवे परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार,  मुख्य सचिव ने दिए ये खास निर्देश

बिहार में महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे परियोजनाओं को लेकर भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान संबंधित अधिकारियों से कहा कि जमीन अधिग्रहण और अन्य मुद्दों को शीघ्र निपटाया जाए ताकि निर्माण कार्य में कोई देरी न हो। बैठक में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत भी उपस्थित थे। इस बैठक में बिहार के लिए पांच प्रमुख एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे, रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे और आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर बिहार में न सिर्फ यातायात सुगमता बढ़ेगी, बल्कि राज्य का औद्योगिक और आर्थिक विकास भी तेज गति से होगा।

बैठक के दौरान अधिकारियों ने मुख्य सचिव को जानकारी दी कि वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के बिहार हिस्से में जमीन अधिग्रहण और फॉरेस्ट क्लीयरेंस की कुछ समस्याएं सामने आ रही हैं। मुख्य सचिव मीणा ने इन समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का काम उत्तर प्रदेश की ओर से शुरू हो चुका है, और अब बिहार में भी इसे जल्द से जल्द प्रारंभ करना आवश्यक है। बैठक में रक्सौल-हल्दिया, गोरखपुर-सिलीगुड़ी, बक्सर-भागलपुर, और आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की भी ताजा स्थिति की जानकारी ली गई। इन परियोजनाओं में भी भूमि अधिग्रहण को लेकर कुछ समस्याएं सामने आईं, लेकिन मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि वे एनएचएआई के साथ मिलकर इन सभी दिक्कतों को हल करें। राज्य सरकार की तरफ से हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी ताकि परियोजनाओं में कोई रुकावट न आए।


मुख्य सचिव ने कहा कि एक्सप्रेसवे परियोजनाएं बिहार के विकास की रीढ़ साबित होंगी। इसलिए राज्य सरकार पूरी तरह से इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सभी तरह की कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों को दूर कर तेजी से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा करें। बिहार में इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के पूरा होने पर राज्य की कनेक्टिविटी में जबरदस्त सुधार होगा। ये परियोजनाएं न केवल राज्य को अन्य राज्यों से बेहतर ढंग से जोड़ेंगी, बल्कि व्यापार, उद्योग, और पर्यटन के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव लाने में मददगार साबित होंगी। इसके अलावा, इन सड़कों के निर्माण से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।


इन परियोजनाओं के तहत सड़कें राज्य के कुछ पिछड़े इलाकों से होकर गुजरेंगी, जिससे वहां का आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य बदलने की उम्मीद है। विकास परियोजनाओं से इन इलाकों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ेगी, जो राज्य के समग्र विकास में सहायक सिद्ध होगी। हालांकि, एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के क्रियान्वयन में कई चुनौतियां भी सामने हैं। सबसे बड़ी चुनौती जमीन अधिग्रहण और पर्यावरणीय मंजूरी से जुड़ी है। अगर इन मुद्दों को समय रहते हल नहीं किया गया, तो परियोजनाओं में देरी हो सकती है। इसके अलावा, कुछ इलाकों में ग्रामीणों की असहमति और विरोध भी देखने को मिल रहा है, जिसे शांतिपूर्वक और संवाद के माध्यम से सुलझाने की आवश्यकता है।


बिहार में एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की शुरुआत राज्य के बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का महत्वपूर्ण कदम है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और बिहार के लोगों को बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी। सरकार और एनएचएआई के बीच तालमेल बनाकर जमीन अधिग्रहण की समस्या का शीघ्र समाधान किया जाना आवश्यक है ताकि विकास की रफ्तार धीमी न हो।

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