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बिहार BJP में 'गुट' बरकरार! सुशील मोदी युग का अंत...अब पूर्व व वर्तमान अध्यक्ष गुट का बोलबाला, मोदी गुट के कई नेताओं ने बदला पाला

बिहार BJP में 'गुट' बरकरार! सुशील मोदी युग का अंत...अब पूर्व व वर्तमान अध्यक्ष गुट का बोलबाला, मोदी गुट के कई नेताओं ने बदला पाला

PATNA: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह का बिहार दौरा समाप्त हो गया। 30-31 जुलाई को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने बिहार बीजेपी नेताओं को जीत का मंत्र दिया. साथ ही सहयोगी दल के साथ-साथ विपक्ष को भी अपनी ताकत का अहसास करा दिया। भाजपा शीर्ष नेतृत्व के बिहार दौरे में एक बात साफ हो गई कि सुशील मोदी पूरी तरह से किनारे लगा दिये गये। बिहार बीजेपी में मोदी युग समाप्त हो गया। मोदी गुट के खात्मे से ऐसा नहीं कि बिहार बीजेपी बिना गुट की हो गई। ऐसा नहीं है...आज भी बिहार भाजपा के अंदर दो गुट है। जानकार बताते हैं कि अब सुशील मोदी का जमाना गया, लेकिन दो गुट आज भी काम कर रहा। एक ताकतवर गुट वर्तमान अध्यक्ष का है तो दूसरा मजबूत गुट पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का। 

पूर्व व वर्तमान अध्यक्ष अध्यक्ष के इर्द-गिर्द बिहार बीजेपी 

बिहार में हाल के दिनों में दो बड़े कार्यक्रम हुए। पहला कार्यक्रम 23 अप्रैल को जगदीशपुर में आयोजित हुई। इसके कार्यक्रम की सफलता का जिम्मा बिहार के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के कंधे पर था। इस कार्यक्रम में बतौर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल की सीधी और बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका नहीं थी। कार्यक्रम के अगुआ के तौर पर नित्यानंद राय ही थे। पूरे कार्यक्रम में गृह राज्य मंत्री के ताकत की झलक दिख रही थी। दूसरा बड़ा कार्यक्रम 30-31 जुलाई को पटना में आयोजित हुई। पहली दफे पटना में बीजेपी संयुक्त मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित हुई थी। बैठक में देशभर के करीब 700 से अधिक भाजपा के नेता पटना पहुंचे। इस बार कार्यक्रम की सफलता की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के कंधों पर थी। संजय जायसवाल इस कार्यक्रम की सफलता लेकर अपने खास सहयोगियों के साथ खूब मिहनत किया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने अपने दो खास नेताओं को आयोजन समिति का जिम्मा दिया। इसके अलावे वे दिन-रात मिहनत कर कार्यक्रम की तैयारी पूरी की। दो दिवसीय कार्यक्रम में संजय जाययवाल ने मुख्य भूमिका में किसी को नजदीक भी फटकने नहीं दिया। इस कार्यक्रम में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय बड़ी भूमिका में नहीं दिखे। वे दो दिनी कार्यक्रम में जरूर मौजूद रहे लेकिन बड़ी जिम्मेदारी के रूप में उनकी भूमिका नहीं रही. संजय जायसवाल ही इस पूरे कार्यक्रम के प्रणेता रहे। इसके अलावे इस कार्यक्रम से सुशील मोदी गुट को बिल्कुल ही दूर रखा ही गया. मंगल पांडेय जैसे नेता भी दूर ही रहे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के नजदीकी नेताओं को भी बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई। 

मोदी गुट के कई नेताओं ने बदला पाला 

कहा जाता है कि हाल के महीनों में वर्तमान और पूर्व अध्यक्ष के बीच पहले जैसी बन नहीं रही। जानकार बताते हैं कि कई मुद्दों पर मतभेद उभरकर सामने आया है। वीर कुंवर सिंह जयंती कार्यक्रम के बाद से दोनों में फासला और बढ़ गया है। जब से सुशील मोदी के गुट का भाजपा पर पकड़ कमजोर हुई, उसके बाद वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष का गुट मजबूती से उभरा है। कुछ ऐसे नेता भी हैं जो पहले सुशील मोदी गुट में बताये जाते थे, लेकिन उनके कमजोर होने के बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गुट का दामन थाम लिया है। बताया जाता है कि वर्तमान नेतृत्व को पसंद नहीं करने वाले कुछ बड़े नेता भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गुट में शामिल हो गये हैं। 30 जुलाई को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पटना में आयोजित रोड़ शो के दौरान वो तस्वीर दिखी भी। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि भूपेन्द्र यादव अब बिहार प्रभारी नहीं रहे। ऐसे में वर्तमान अध्यक्ष का प्रभाव बढ़ा है जबकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की पकड़ कमजोर होना स्वाभाविक है। यानी बिहार बीजेपी के अंदरखाने की राजनीति में नेता भले बदले गये हों लेकिन दो गुट बरकरार है। 



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