बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने केंद्र को दिया अल्टीमेटम, कहा इस दिन ट्रैक्टर के साथ करेंगे दिल्ली की किलेबंदी

नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने केंद्र को दिया अल्टीमेटम, कहा इस दिन ट्रैक्टर के साथ करेंगे दिल्ली की किलेबंदी

N4N DESK : केंद्र सरकार की ओर से पारित नए कृषि कानून को लेकर किसान संगठनों का आन्दोलन पिछले एक साल से चल रहा है। इसके मद्देनजर कई बार किसान संगठन और सरकार के बीच वार्ता हो चुकी है। लेकिन ना ही सरकार झुकने को तैयार है और न ही किसान संगठन पीछे हटना चाहते हैं। किसान अब आर पार की लड़ाई की तैयारी में जुट गए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने इसके लिए 26 नवम्बर तक केंद्र सरकार को समय दिया है। ट्विट कर राकेश टिकैत ने कहा की केंद्रसरकार के पास 26 नवंबर तक का समय है, उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेगा और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आंदोलन स्थल पर तंबुओं को मजबूत करेगा।

बता दें की किसान संगठन एमएसपी की गारंटी देने के साथ तीनों कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। कल उन्होंने कहा था कि अगरकिसानों को बॉर्डरों से जबरन हटाने की कोशिश हुई तो वे देशभर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे।टिकैत ने कहा थाकिहमें पता चला है कि प्रशासन जेसीबी की मदद से यहां टेंट को गिराने की कोशिश कर रहा है, अगर वे ऐसा करते हैंतो किसान पुलिस थानों, डीएम कार्यालयों में अपनेटेंट लगाएंगे।

गौरतलब है कि बीते 11 महीनों से भी अधिक समय से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। किसानों को डर है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली खत्म हो जाएगी, हालांकि सरकार इन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है। दोनों पक्षों के बीच 10 दौर से अधिक की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इनका कोई नतीजा नहीं निकला है।किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।

राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की किसान अपना घर बार छोड़कर 11 महीनों से आन्दोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही हैं। लेकिन अब किसान भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। 


Suggested News