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'बाप' के बनाए कठोर कानून के लपेटे में आ गया बेटा, पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला जन सुरक्षा अधिनियम के शिकंजे में

'बाप' के बनाए कठोर कानून के लपेटे में आ गया बेटा, पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला जन सुरक्षा अधिनियम के शिकंजे में

N4N DESK: बाप  के द्वारा बनाए गए कठोर कानून के शिकंजे में बेटा ही आ जाएगा ऐसा किसी पिता ने सोचा तक नहीं होगा। लेकिन कश्मीर में कुछ ऐसा ही हुआ है अपने पिता के बनाए कठोर कानून के शिकंजे में उन्हीं के बेटे जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला फंस गए हैं ।

बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारुख अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जन सुरक्षा अधिनियम के तहत उनके घर में ही कैद कर दिया है ।जन सुरक्षा अधिनियम पीएसए के तहत बंदी होने वाले फारूक अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के पहले पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद हैं।

 गौरतलब है की जम्मू कश्मीर से केंद्र सरकार के द्वारा धारा 370 और 35 ए हटाने के बाद से श्रीनगर में तनाव की स्थिति बनी हुई है । केंद्र सरकार के द्वारा लगभग 1 महीने से कर्फ्यू लगा दिया गया है। धारा 370 और 35 ए हटाने की बात जब भी की जाती थी तो फारूक अब्दुल्ला से लेकर उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और वहां की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती लगातार केंद्र सरकार को धमकी भरी भाषा में जवाब दिया करते थे ।

इसे देखते हुए एहतियातन तौर पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारुक अब्दुल्ला को उनके पिता के द्वारा बनाए गए कानून के तहत राज्य प्रशासन ने कैद कर लिया  है जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन विधेयक को जैसे ही पूरे प्रदेश में लागू किया गया उसके बाद ही 4 अगस्त की मध्यरात्रि को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन्हें अपने ही घर में नजरबंद कर दिया था।

 बता दें किफारूक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती भी फिलहाल राज्य प्रशासन की कैद में हैं। फारूक अब्दुल्ला के पिता स्वर्गीय शेख अब्दुल्ला के द्वारा जन सुरक्षा अधिनियम 1978 में लागू किया गया था। कानून की खासियत यह है इसके तहत बंदी बनाए गए व्यक्ति को बगैर किसी सुनवाई के लगातार दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।

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