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‘वन नेशन वन इलेक्शन’ कमेटी की पहली बैठक , पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में मीटिंग

‘वन नेशन वन इलेक्शन’ कमेटी की पहली बैठक , पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में मीटिंग

एक-देश, एक चुनाव, समिति की दिल्ली में आज पहली आधिकारिक बैठक है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे. 16 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था, ''वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर पहली बैठक 23 सितंबर को होगी." केंद्रीय कानून मंत्रालय ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति में आठ सदस्यों को नामित किया था.  ये बैठक दोपहर 3 बजे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के आवास पर हो सकती है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कानून मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की थी.

इस कमेटी की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे और इसमें गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी,  गुलाम नबी आजाद और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और पूर्व चीफ विजिलेंस ऑफिसर संजय कोठारी सदस्य हैं. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में समिति की हर बैठक में हिस्सा लेंगे. वहीं कानूनी मामलों के सचिव नितेन चंद्रा पैनल के सचिव होंगे.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन के सिंह समिति के सदस्यों में से हैं.वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी सदस्य थे.हालांकि, गृह मंत्री शाह को लिखे पत्र में उन्होंने पैनल का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया.

सुभाष सी कश्यप प्रसिद्ध राजनीतिक वैज्ञानिक, भारतीय संविधान के संवैधानिक कानून के विशेषज्ञ, संसदीय विशेषज्ञ और एक प्रतिष्ठित विद्वान हैं। सुभाष सी कश्यप को 2015 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। साल 2021 में सुभाष सी कश्यप ने 'एक देश -एक चुनाव' के विचार के पक्ष में बात की थी और इसे बिना विवाद वाला बताया था.

केंद्र सरकार ने एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर अहम कदम उठाया है. सरकार ने इस संबंध में एक समिति का गठन किया है. पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. 'एक देश एक चुनाव' प्रस्ताव के तहत लोकसभा (भारतीय संसद के निचले सदन) और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने का सुझाव दिया गया है. इसका मतलब है कि चुनाव पूरे देश में एक ही चरण में होंगे. मौजूदा समय में हर पांच साल बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए हर 3 से 5 साल में चुनाव होते हैं.

वन नेशन वन इलेक्शन' की ये समिति लोकसभा, विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव के मुद्दे की जांच करेगी. ये कमेटी इस बात पर विचार करेगी कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कैसे कराए जाएं और अगर चुनाव कराए जाए, तो ये कैसे संभव है. यह इस बात की भी जांच करेगा और सिफारिश करेगा कि क्या संविधान में संशोधन के लिए राज्यों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता होगी या नहीं। ये समिति त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या दलबदल या एक साथ चुनाव के मामले पर भी विश्लेषण और संभावित समाधान सुझाएगी.


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