DESK : भारत में कच्चे तेल के भुगतान के लिए पहली बार नया प्रयोग किया गया है। सरकार ने पहली बार पूरा भुगतान डॉलर की जगह रुपए में किया है। यह भुगतान इंडियन आयल कारपोरेशन (आइओसी) ने अबू धाबी नेशनल आयल कंपनी (एडीएनओसी) से 10 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीदी के लिए किया है। इंडियन ऑयल का यह प्रयास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रुपए को स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
पिछले साल से भारत ने तेल की खरीद का भुगतान डॉलर के बजाय रुपये में करने की व्यवस्था शुरू की है और इस दिशा में आरबीआई ने भी कदम उठाए हैं। भारत ने जुलाई में यूएई के साथ रुपये में भुगतान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अलावा रूस से आयात किए गए क्रूड ऑयल के कुछ हिस्से का भी भुगतान रुपये में किया गया है।
अधिकारियों ने कहा है कि भारत अन्य तेल आपूर्तिकर्ता देशों के साथ भी इसी तरह के रुपया भुगतान सौदों की कोशिश में लगा है। दरअसल, रुपये में भुगतान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू करना एक प्रक्रिया है और फिलहाल इसके लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है।
एक अधिकारी ने कहा, 'जहां रकम अधिक नहीं है वहां रुपये में सौदा निपटान में ज्यादा समस्या नहीं होती है। लेकिन जब कच्चे तेल का हरेक जहाज लाखों डालर की कीमत का हो तो समस्याएं होती हैं। अधिकारियों ने यह माना कि वित्त वर्ष 2022-23 में रुपए में भुगतान की प्रगति रिपोर्ट बेहतर नहीं थी, लेकिन इस साल तेल का कुछ कारोबार रुपये में हुआ है।