PURNEA : पूर्णिया के रुपौली विधानसभा के लिए 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव को लेकर पूर्व विधायक शंकर सिंह ने आज नॉमिनेशन किया। वे दोपहर करीब 2 बजे धमदाहा अनुमंडल कार्यालय में नामांकन पर्चा दाखिल करने पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी जिला परिषद सदस्या प्रतिमा कुमारी भी साथ दिखीं।
इससे पहले 15 जून को बागी तेवर अपनाते हुए पूर्व विधायक शंकर सिंह ने लोजपा (रा) से इस्तीफा दे दिया था। वे रुपौली विधानसभा उपचुनाव में NDA से टिकट काटे जाने से नाराज थे। जिसके बाद पार्टी से इस्तीफा देते हुए वे चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोकते हुए पूर्व विधायक ने उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। बता दें कि रुपौली के सवर्ण जाति के वोटरों पर शंकर सिंह जबकि इलाके की महिला वोटरों पर उनकी पत्नी प्रतिमा कुमारी की गहरी पैठ है।
नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद पूर्व विधायक शंकर सिंह ने कहा कि उन्होंने दशकों तक लोजपा (रामविलास) में रहते हुए, पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम किया। पार्टी का जब जो निर्णय हुआ मजबूती से उस निर्णय के साथ खड़ा रहा। पार्टी ने 2005 में मुझे रूपौली विधानसभा से प्रत्याशी बनाया। तब न सिर्फ मैनें मजबूती से चुनाव लड़ा बल्कि चुनाव जीतने का काम किया। सरकार न बन पाने के कारण फिर से चुनाव हुआ। जबकि चुनाव जीतने के बाद मुझे कई प्रलोभन दिया गया, लेकिन मैं पार्टी के सिद्धांत पर रहकर उस समय के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान के विचारधारा के साथ खड़ा रहा।
कहा की इसके बाद 2010, 2015 और 2020 में पार्टी ने चुनाव लड़ाया। सभी चुनाव में मैने अच्छे मत प्राप्त किए। जीत हार का मामूली अंतर रहा। लोकसभा चुनाव में रुपौली विधानसभा से लोकसभा के चुनाव में NDA प्रत्याशी को लीड कराया। बावजूद इसके जब उपचुनाव की तारीख का ऐलान हुआ। NDA से कलाधर मंडल को टिकट दे दिया गया। ये वही कलाधर मंडल हैं जो मुखिया का चुनाव भी नहीं जीत सके। पार्टी में क्या खेला हुआ, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं। रूपौली विधानसभा की जनता मेरे साथ है। मैने दशकों तक रुपौली की जनता की सेवा की है। पत्नी प्रतिमा सिंह ने कहा कि स्वजाति ही नहीं बल्कि हर जाति, वर्ग और समुदाय के लोगों के साथ उनके सुख और दुख में खड़ा रहा। इसलिए जनता उनके साथ है। उनकी जीत निश्चित है।
पूर्णिया से अंकित कुमार झा की रिपोर्ट