पटना- इंसानी सभ्यता तकनीकी रूप से सबसे उन्नत और आधुनिक युग से गुजर रही है. मौसम विभाग का अनुमान बारिश को लेकर पिछले कई समय से हो रही है. मानसून में मौसम को लेकर आईएमडी की चारों तरफ किरकिरी हो रही है. कहा जा रहा है कि इस बार मौसम विभाग कि अधिकतर भविष्यवाणियां गलत साबित हुई. इस चर्चा ने तब जोर पकड़ा है जब मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बीते 20 दिनों के दौरान पांच बार अलग-अलग दिनों में बिहार में वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया. अलर्ट जारी होने के बाद वर्षा नहीं हुई. मौसम विभाग बिहार के कई हिस्सों में वर्षा मेघ गर्जन और वज्रपात को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया. लेकिन लोगों का कहना है कि मौसम विभाग के पास पहले से कहीं ज्यादा और वर्ल्ड क्लास संसाधन है तो फिर उनका अनुमान गलत क्यों हो रहा है?
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बीते 20 दिनों के दौरान पांच बार अलग-अलग तिथियों में वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया. अलर्ट जारी होने के बाद वर्षा नहीं हुई.यलो अलर्ट जारी होते ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई थी. इस दौरान वर्षा, मेघ गर्जन, वज्रपात की आशंका होती है लेकिन कई बार हवा का प्रवाह और मानसून ट्रफ कमजोर होने के कारण वर्षा नहीं हो सकी.
मौसम विज्ञान विभाग के अनुमान पर बिहार के लोग जो आजीविका के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर हैं, भरोसा करते हैं. फिर भी, भविष्यवाणियाँ, अक्सर सटीक से कोसों दूर होती हैं.
इसका कारण मौसम विज्ञानी वर्षा पैटर्न में बहुत अधिक परिवर्तनशीलता को बता रहे हैं. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मौसम का एकदम सटीक भविष्यवाणी बहुत मुश्किल है. वजह ये है कि जिन पैमानों के आधार पर भविष्यवाणी किए जाते हैं, वे पैमाने तेजी से बदलते हैं. ऐसे में भविष्यवाणी का शतप्रतिशत सटीक होना मुश्किल होता है. वहीं आम लोग समझ नहीं पा रहे कि मौसम विभाग के आंकड़ों में खेल है या मौसम ही बेईमान हो गया है.