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बिहार में सोने की खान! बांका की धरती उगलेगी पीली धातु, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम का चलेगा कुदाल

बिहार में सोने की खान! बांका की धरती उगलेगी पीली धातु, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम का चलेगा कुदाल

बांका/जयपुर थाना क्षेत्र के चंदे पट्टी गांव में भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम को मिले सुनहरे पत्थर से क्षेत्र का भाग्य चमकने वाला है. अपार खनिज संपदा को अपने गर्भ में समेटे बांका के जयपुर की बंजर भूमि अब सोना उगलेगी. यहां के किसानों के लिए अभिशाप बन चुकी बंजर भूमि मानो अब किसी वरदान से काम नहीं रह जाएगी. छह महीने बाद क्षेत्र में फिर एक बार भारतीय वैज्ञानिक   सर्वेक्षण टीम (जीएसआई) सक्रिय हो गई है. सिर्फ चंदे पट्टी गांव के लगभग आधा दर्जन से ऊपर किसानों का लगभग दस एकड़ से ऊपर जमीन पर लगे आम के बगीचे को भारतीय भूगर्भ वैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम ने अपने डायमीटर में ले लिया है. गांव निवासी मु.अलाउद्दीन, मु. सदाव सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सप्ताह भर पूर्व तीन हेलीकॉप्टर एक साथ जमीन से काफी करीब गांव के आसपास कई चक्कर काटते देखा गया था. इसके दो दिन बाद से ही भारतीय भूगर्भ वैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम गांव के आसपास के इलाके में सक्रिय हो गए हैं.   अलग-अलग आधा दर्जन जगहों पर फिर लगभग 10 फीट लंबा 3 फीट नीचे तरीनुमा गड्डा का मिट्टी नमूना संग्रह कर लैब टेस्टिंग के लिए फिर भेजा जा चुका है. इसके बाद बोरिंग पाइंट से लगभग दो किलोमीटर रेडियस के जमीन को प्रत्येक 20 फीट पर मशीन के द्वारा जांच कर छोटे-छोटे खुटे को मार्किंग कर गाड़े जा रहे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि खनिज संपदा निकालने के लिए फिलहाल खनन विभाग को जितनी जमीन की आवश्यकता है उसे चिह्नित किया जा रहा है.एक अधिकारी ने बस इतना बताया कि अभी सिर्फ ऊपरी सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है, यह इलाका भारत का गौरव बनने वाला है.

बांका के कई क्षेत्रों में अन्वेषण कार्य हुआ था. मई के अंत तक जयपुर के चंदे पट्टी गांव में जीएसआई सर्वेक्षण टीम का अन्वेषण कार्य चला था. यह कार्य जिले के कई इलाके में की गई थी ,दोबारा वैज्ञानिकों की टीम चंदे पट्टी गांव में आकर भू सर्वेक्षण का काम कर रही है. जीएसआई टीम के यहां पहुंचने से अंग्रेजों द्वारा सोने की खोज में किए गए खनन की जगह से अपार खनिज संपदा मिलने की संभावना प्रबल हो गई है. पावर प्रेशर मशीन के द्वारा उक्त स्थल से निकाले गए बेलनुमा सुनहरे पत्थरों के नमूने को संग्रह कर लेब में भेजा गया था. 6 महीने बाद यहां फिर विज्ञानियों की टीम सक्रिय हो गई है.

80 वर्षीय अलाउद्दीन ने बताया कि हमारे गांव के लगभग आधा दर्जन किसानों के आम के बगीचे सर्वेक्षण टीम ने रेखांकित किया है. बावजूद गांव वासियों के लिए यह खुशी की बात है. मु.फैज 70 पेड़, अलाउद्दीन 75, परवेज 25, रिदाव 25, नेसार व इजहार 70, खरवा हुसेन 30 सहित सैकड़ो किसानों के हथियार जमीन भी उसे दायरे में आ रहा है.

बांकार से चन्द्रशेखर कुमार की रिपोर्ट

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