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बिहार के व्यापारियों के लिए खुशखबरी,कर राशि का 35% व पैनल्टी राशि का 10 प्रतिशत देकर कर विवाद से पाएंगे छुटकारा, विधेयक हुआ पास

बिहार के व्यापारियों के लिए खुशखबरी,कर राशि का 35% व पैनल्टी राशि का 10 प्रतिशत देकर कर विवाद से पाएंगे छुटकारा, विधेयक हुआ पास

PATNA : वैट अधिनियम के तहत कर विवाद में फंसे राज्य के हजारों कारोबारियों राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार उनके लिये एक बार फिर एकमुश्त कर समाधान योजना ला रही है। जिसके तहत कारोबारी कर राशि का 35% ब्याज व पैनेल्टी की राशि का 10% देकर कर विवाद से छूटकारा पा सकते हैं। 

मामले में आज विधानसभा में डिप्टी सीएम व वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने इससे जुड़ी बिहार कराधान विवादों का समाधान विधेयक, 2024 को पेश किया था. जो ध्वनिमत से पारित हो गया। 

ब्याज और पेनाल्टी की राशि 90 परसेंट माफ

वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि फिलहाल यह योजना छः माह तक लागू रहेगी, लेकिन राज्य सरकार अगर चाहे तो इसे अगले छः माह के लिये और बढ़ा सकती है.उन्होंने कहा समाधान योजना में ब्याज और पेनाल्टी के मामलों में 90% की माफी दी गयी है. विवादित ब्याज और पेनाल्टी का मात्र 10% भुगतान करने पर विवाद का निपटारा हो जायेगा.

बकाया कर में 65 फीसदी मिलेगी माफी

वहीं,बकाया कर के मामलों में 65% की माफी दी गयी है, अर्थात् बकाया कर की विवादित राशि का मात्र 35% भुगतान करने पर विवाद समाप्त हो जायेगा.मंत्री ने कहा यदि किसी व्यवसायी द्वारा विवादित बकाया कर, ब्याज व पेनाल्टी के मद में पहले से कोई राशि जमा है, तो इसे समाधान राशि का भुगतान माना जायेगा.व्यवसायी को मात्र अंतर राशि का भुगतान करना होगा।

वैट लागू होने से पहले का है मामला

कर विवाद से जुड़ा यह पूरा मामला बिहार में वैट लागू होने से पहले का है। बिहार में 1 जुलाई, 2017 से राज्य में माल और सेवा कर प्रणाली (जीएसटी)लागू है। उससे पहले यहां बिहार वैट अधिनियम, प्रवेश कर, मनोरंजन कर, विज्ञापन कर, विलासिता कर और विद्यतु ड्यृटी कर लिए जाते थे। जिसमें कई कारोबारियों के टैक्स का भुगतान नहीं हो सका था। 

अब तक चार बार मिल चुकी है यह सुविधा

राज्य में इस तरह की योजना वर्ष 2015, वर्ष 2016, वर्ष 2019 और वर्ष 2020 में लागू की जा चुकी है। सरकार ने व्यापार और उद्योग जगत के अनुरोध पर एक बार फिर एकमुश्त कर समाधान योजना लागू करने जा रही है. इस समाधान योजना में 31 जनवरी 2024 तक के विवादों का निपटारा किया जा सकेगा।

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