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‘भारत के सैटेलाइट मैन’ के लिए गूगल ने बनाया यह खास डूडल

‘भारत के सैटेलाइट मैन’ के लिए गूगल ने बनाया यह खास डूडल

DESK: गूगल, जो हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है, जिसे देखे बिना हमारे दिन का एक घंटा भी नहीं बीतता, उसने आज कुछ अलग कर लोगों का ध्यान खींचा है. ये बात हम सभी जानते हैं कि साल के तमाम खास दिनों पर गूगल की कुछ अलग करने की आदत है. गूगल साल के इन खास दिनों पर डूडल बनाकर लोगों को आकर्षित करने के साथ ही उनका ज्ञान भी बढ़ाता है.

बुधवार को लोगों ने गूगल पर एक नया वीडियो डूडल देखा. कई लोगों ने इसे नजरअंदाज कर दिया तो कई लोगों ने इसे खोलकर देखा. और जिसने भी इस डूडल वीडियो को खोला, वह हैरान होने के साथ ही गौरवान्वित हो गया. आज यानी कि 10 मार्च का डूडल भारतीय वैज्ञानिक और प्रोफ़ेसर उडुपी रामचंद्र राव को समर्पित किया गया है जिनका 89वां बर्थडे है. भारत के सैटेलाइट प्रोग्राम को नई दिशा देने की वजह से डॉक्टर यू आर राव को 'सैटेलाइट मैन ऑफ़ इंडिया' का सम्मान भी मिल चुका है. भारत ने उनके नेतृत्व में ही साल 1975 में अपने पहले उपग्रह 'आर्यभट्ट' का अंतरिक्ष में सफल प्रक्षेपण करने का काम किया था. भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान की सफलता का काफी हद तक श्रेय प्रोफ़ेसर राव को जाता है. अंतरिक्ष विज्ञान के अलावा सूचना प्रोद्योगिकी क्षेत्र में भी प्रोफ़ेसर राव ने अपनी अमिट छाप छोड़ने का काम किया है.

प्रोफ़ेसर यू डी राव की बात करें तो उनका जन्म 10 मार्च 1932 को कर्नाटक राज्य के उडुपी ज़िले के अडामारू इलाके में हुआ. उडुपी रामचंद्र राव अपनी प्रतिभा और लगन के दम पर सर्वश्रेष्ठ भारतीय वैज्ञानिकों की कतार में सबसे अग्रिम पंक्त‍ि में पहुंचे. प्रोफ़ेसर राव ने इसरो के अध्यक्ष और भारत के अंतरिक्ष सचिव के तौर पर भी अपनी सेवा दी. प्रोफ़ेसर राव ने अंतरराष्‍ट्रीय फलक पर भी भारत का मान सम्मान बढ़ाया. उनकी अगुआई में ही भारत ने साल 1975 में पहले भारतीय उपग्रह 'आर्यभट्ट' से लेकर 20 से अधिक सैटेलाइट डिज़ाइन और तैयार किए साथ ही उन्हें अंतरिक्ष में प्रक्षेपित भी करने का काम किया. साल 2013 की बात करें तो इस वर्ष सोसायटी ऑफ़ सैटेलाइट प्रोफ़ेशनल्स इंटरनेशनल्स ने प्रोफ़ेसर राव को 'सैटेलाइट हॉल ऑफ़ फ़ेम, वॉशिंगटन' का हिस्सा बनाने का काम किया था.

इन सबके अलावा अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल फ़ेडरेशन ने भी प्रतिष्ठित 'आईएएफ़ हॉल ऑफ़ फ़ेम' में उन्हें शामिल किया था. अंतरिक्ष विज्ञान में प्रोफ़ेसर राव के योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें साल 1976 में देश के तीसरे सर्वोचच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित करने का काम किया. इसके बाद साल 2017 में उन्हें भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के सम्मान से नवाजा गया. उनका निधन 85 वर्ष की उम्र में 24 जुलाई, 2017 को हुआ. 

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