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नियोजित शिक्षक पर सरकार मेहरबान, नीतीश देंगे तोहफा,दशहरा से पहले मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा,राजद ने भी कर दी पुष्टि....खबर पक्की है

नियोजित शिक्षक पर सरकार मेहरबान, नीतीश देंगे तोहफा,दशहरा से पहले मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा,राजद ने भी कर दी पुष्टि....खबर पक्की है

पटना-नियोजित शिक्षक सरकार से लगातार मांग करते रहे हैं कि उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए.नीतीश कुमार नियोजित शिक्षकों को जल्दी हीं तोहफा दे सकते हैं. सरकारी शिक्षक का दर्जा देने पर गंभीरता से विचार हो रहा है.सूत्रों के अनुसार  नियोजित शिक्षकों को नीतीश सरकार जल्द राज्यकर्मी का दर्जा देकर बड़ा गिफ्ट दे सकती है और इसकी घोषणा  दशहरा से पहले हो सकती है. राज्य कर्मी का दर्जा मिलने से सूबे के लगभग  4 लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को लाभ मिलेगा. अभी  ये तय किया जा रहा है कि  बीपीएससी की परीक्षा लेने के बाद राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा या फिर बिना परीक्षा लिए ही उन्हें तोहफा दिया जाएगा. इस पर इसी महीने के अंत तक फैसला हो जाएगा.

राजद विधायक और प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने का खाका तैयार हो चुका है. इस बाबत सारी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. कैबिनेट को पास करना है जो जल्दी हीं हो जाएगा. भाई वीरेंद्र ने बताया की कि दशहरा से पहले इसकी घोषणा हो सकती है.

वहीं नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक 25 सितंबर को सोमवार को 3:30 बजे मंत्रिमंडल कक्षा में होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यह बैठक होगी. बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ-साथ सभी विभाग के मंत्री और सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे. बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मोहर लगने की संभावना है. कयास लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश सोमवार की कैबिनेट की बैठक में नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दे सकते हैं.


नीतीश कुमार ने अगर हरी झंडी दे दी तो राज्य सरकार के खजाने पर 1500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.दरअसल चुनावी मौसम को देखते हुए नीतीश ने नियोजित शिक्षकों को सरकारी का दर्जा देने का मन बनाया है.  बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या लगभग चार लाख बताई जाती है.  अगर औसतन पांच लोगों का एक परिवार माना जाए तो सभी नियोजित शिक्षक परिवारों के तकरीबन 20-25 लाख लोग होते हैं. हर शिक्षक परिवार में अगर औसतन तीन भी वोटर हैं तो नीतीश के लगभग 10-12 लाख वोटों पर फिलहाल खतरा दिखाई दे रहा है. शायद यही वजह है कि राज्य सरकार अब अपने अड़ियल रुख में बदलाव करते हुए उनकी मांगें मानने को विवश हुई है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में चुनावी रेवड़ियां बांटने का सिलसिला शुरू हो सकता है, सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देकर शुरुआत हो सकती है.



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