DESK : यूपी में क्राइम ग्राफ कम होने के दावे योगी सरकार करती है। लेकिन हकीकत कुछ और ही नजर आता है। अलीगढ़ में इसका एक बड़ा उदाहरण सामने आया है। जहां पति की 13वीं के दिन एक महिला और उसकी बेटी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार हत्या के पीछे प्रॉपर्टी बंटवारे का विवाद सामने आया है। मामले में मारी गई महिला के देवर सहित सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी आरोपी फरार हैं। पुलिस गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
मामला जिले के थाना गोंडा के कैमथल गांव से जुड़ा है। जहां रहनेवाले निवासी सुरेश कुमार की बीते दिनों दिल्ली में बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी। उनका तेरहवीं संस्कार सोमवार चार सितंबर को गांव में ही रखा गया था। परिवार में मृतक की पत्नी मुकेशी (55) व गोद ली हुई बेटी प्रियंका (22), भाई धर्मवीर, रमेश, राकेश सहित तमाम परिजन मौजूद थे। तेरहवीं में ब्राह्मणों को भोजन कराए जाने के बाद रस्म पगड़ी संस्कार चल रहा था।
संपत्ति के लिए हुई लड़ाई, बेटी को नहीं देना चाहते थे हिस्सा
इस दौरान मृतक भाई सुरेश की संपत्ति के बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू हुई। जिसमें मृतक सुरेश के भाइयों ने गोद ली हुई बेटी को सम्पत्ति में हिस्सा देने का विरोध किया। वहीं सुरेश की दिल्ली स्थित सम्पत्ति में भी भाइयों व भतीजों ने हिस्सा लेने की बात रखी। जिसका बेटी प्रियंका ने विरोध किया। इस बात को लेकर विवाद बढ़ गया। स्थिति मारपीट की आ गई। कुछ ही देर में तेरहवीं स्थल मारपीट का मैदान बन गया।
सुरेश के भाइयों व भतीजों ने भाभी मुकेशी व बेटी प्रियंका को लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान प्रियंका जान बचाने के लिए गांव में भागी। उसके पीछे दौड़े आरोपी परिजनों ने पास के ही घर के पास प्रियंका को गिराकर पीटना शुरू कर दिय। दोनों मां-बेटी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी परिजन भाग गए। सूचना मिलते ही एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपी देहात पलाश बंसल सहित तमाम पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
पुलिस ने मां-बेटी की हत्या के मामले में परिवार के ही धर्मवीर, रमेश, राकेश, मोना, डबला सहित सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी मृतका के परिवार के ही हैं। सात आरोपियों को नामजद किया गया है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।