VAISHALI: वैशाली से अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां थाने से 15 लाख की चरस गायब हो गई है। यही नहीं थाने से चरस कहां गायब हो गया ये किसी को खबर तक नहीं है। वहीं इस आरोपी को पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था वो अब जेल से रिहा ही नहीं हुआ है चरस ना मिलने से उसके ऊपर से केस भी खत्म हो गया है। वहीं इस मामले में जो दो आइओ शामिल हैं वो अपनी जिम्मेवरी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
दरअसल, पुलिस के द्वारा अपराधियों के मदद करने के कई मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन इस बार तो पुलिस ने बरामद चरस को गायब कर दिया है। अगर ये चरस कोर्ट में पेश हुए होते तो आरोपी को कम से कम 20 साल की सजा होती। वहीं बताया जा रहा है कि जब्त चरस की कीमत तस्करों के बाजार में लगभग 15 लाख रुपए है।
जानकारी अनुसार यह मामला 17 अगस्त 2020 को महुआ थाना के फुलार चौक का था। जहां पुलिस ने एक वांछित तस्कर सब्दुल हक को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने तब तस्कर के पास से 1 किलो 50 ग्राम चरस बरामद किया। आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। लेकिन इस केसमें जब्त चरस को कोर्ट में पेश नहीं किया गया। इसके बाद आरोपी रिहा हो गया।
वहीं इस मामले के जवाबदेही आइओ लाल बाबू प्रसाद का ट्रांसफर हो गया था। वहीं दूसरे आइओ का कहना है कि उसे कोई चरस नहीं मिला है। इसी मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष सह मालखाना प्रभारी कृष्णनंदन झा ने भी कोर्ट में यह बयान दिया कि चरस मालखाना में जमा नहीं कराया गया है। अब यह बड़ा सवाल है कि आखिर थाने से 15 लाख की चरस गई कहां? फिलहाल इस मामले में एसपी को पत्र लिखा गया है और मामले की छानबीन हो रही है।