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स्वास्थ्य मंत्री बंद करा दें नवादा का सदर अस्पताल ! मरीजों के परिजनों का फूटा गुस्सा, जानें पूरी खबर

स्वास्थ्य मंत्री बंद करा दें नवादा का सदर अस्पताल ! मरीजों के परिजनों का फूटा गुस्सा, जानें पूरी खबर

NAWADA: बिहार के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग मंत्री तेजस्वी यादव अपने स्वास्थ्य महकमें को सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य महकमा है कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है। राज्य में अस्पतालों का कुव्यवस्था किसी से छुपा नहीं है। इसी क्रम नवादा का सदर अस्पताल भी इन दिनों अपने कुव्यवस्था के लिए काफी सुर्खियों में है। 

दरअसल, ऐसा ही मामला गुरुवार को देखने को मिला है। जहां सदर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड, सर्जिकल वार्ड से डॉक्टर ही फरार नजर आए। जिसके बाद सभी मरीजों में खलबली मच गया। इलाज करवाने पहुंचे मरीजों को कोई भी डॉक्टर नहीं दिखे। जिसके कारण लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। 

बता दें कि, परिजनों ने जब अस्पताल में किसी डॉक्टर को  नहीं देखा तो उनके द्वारा हंगामा करना शुरू कर दिया गया। जैसे ही इस मामले की जानकारी नवादा के प्रभारी डीएम दीपक कुमार मिश्रा को मिली तो उन्होंने तुरंत मामला की संज्ञान लेते हुए नवादा के सदर एसडीओ अखिलेश कुमार व प्रखंड विकास पदाधिकारी अंजनी कुमार को अस्पताल भेजा। वहीं  पूरे मामला का दोनों अधिकारी ने जांच किया तो पता चला कि सदर अस्पताल में 42 डॉक्टर है, लेकिन एक भी डॉक्टर ड्यूटी में उपस्थित नहीं है।

जिसके बाद अधिकारी काफी गुस्सा हो गए और सभी रजिस्टर को अपने कब्जे में लेकर फरार रहे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है। सदर एसडीओ अखिलेश कुमार ने कहा कि पूरी मामला की जांच की गई। जहां अस्पताल की काफी लचर व्यवस्था देखने को मिला है। सर्जरी की जो व्यवस्था है वह काफी खराब है। पूरी व्यवस्था की जानकारी डीएम को दिया जाएगा और ऐसे व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक कठोर कार्रवाई सुनिश्चित किया जाएगा।

आपको बता दें कि सिविल सर्जन की लापरवाही के कारण सदर अस्पताल की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। सदर अस्पताल का यह पहला ऐसा मामला नहीं है अक्सर इस तरह का मामला सदर अस्पताल में देखने को मिलता है तो आप समझ सकते हैं कि जब जिला का सबसे बड़ा अस्पताल का इस तरह का हाल है तो प्रखंड स्तर पर जो अस्पताल है। उसकी क्या स्थिति होगी। सदर एसडीओ को पहुंचने के बाद उपाधीक्षक को सर्जिकल वार्ड में ड्यूटी पर बैठाया गया और धीरे-धीरे करके लोगों की इलाज की गई। लेकिन 400 मरीजों का पुर्जा कट चुका था और एक भी मरीज को इलाज नहीं किया गया। 

वहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी लोगों ने जबरदस्त आक्रोश दिखाया है। लोगों का कहना है कि नवादा के सदर अस्पताल को पूरी तरह बंद कर दिया जाए। यहां पर ताला मार दिया जाए तो मरीज खुद ही नहीं आएंगे। इस जगह पर दिखाने के लिए बड़े-बड़े ढिंढोरा पीटने वाले स्वास्थ्य मंत्री को नवादा की अस्पताल को भी देखना चाहिए।

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